Sunday, 28 January 2024

आचरण (conduct)

वो कहते है ,न कि धन गया तो कुछ नहीं गया ,स्वास्थ्य गया तो थोड़ा गया परन्तु यदि चरित्र गया तो समझो सब कुछ चला गया | 

समाज में जिसे अपनी बहन ,बेटी जैसी नहीं दिखती , वास्तव में वो व्यक्ति नराधम है | लोक में ही नहीं परलोक में भी कलंकित है | ऐसे व्यक्ति दरिद्र बने रहते है , ऐसे व्यक्ति कितना भी धन अर्जित कर ले ,सदा अभाव में ही मरते है , व कुल को भी नाश करने वाले होते है | 

रावण जिसका वैभव तीनो लोको में था , देवताओ तक को बंदी बना लेता था , उसने चरित्र हनन किया तो उसके कुल का ही नाश हो गया | दुर्योधन अपनी सीमाओं का उलघन किया तो उसका समूल वंश ही समाप्त  हो गया |

 आचरण ही केवल एक मात्र कर्म है ,जिससे भूत ही नहीं भविष्य भी निर्मित होता है ,अच्छे कर्म जिसके लिए स्वर्ग के देवता भी तरसते है | हमें अवतारी राम ,कृष्ण से तुलना या जैसा आशा नहीं करनी चाहिए या कहे तो समाज में किसी से भी अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए | राम जहा मर्यादा पुरुषोत्तम है , वही कृष्ण लीला पुरुषोत्तम कहलाये ,जो अपनी शक्ति , योग्यता के साथ बुद्धि ,गुण होने के कारण भगवान कहलाये | 

 

नरकासुर  जिसे भौमासुर  भी कहते है ,उसकी कैद में बंदी 16100 स्त्री रानीया थी ,जिसे श्री कृष्ण नरकासुर का वध कर 16100 दासीयो को मुक्त कराते है | परन्तु वो स्त्रीया श्री कृष्ण से कहती है , समाज व परिवार ने उनका परित्याग कर दिया है | व एक राक्षस की पत्नी होने का कलंक लेकर वह कहा जीयेगी ,तब श्री कृष्ण उनसे उनकी इच्छा व वरदान मांगने को कहते है,तब वो उन्हें वर रूप में प्राप्त होने को कहती है | तब श्री कृष्ण 16100 रूप प्रकट कर उनसे विवाह करते है | जो द्वारका में रहकर कृष्ण भक्ति व धर्म कर्म में लगी रहती थी | इसके अतिरिक्त श्री कृष्ण की 8 प्रमुख पत्नीया थी , जो तपस्यारत होकर श्री कृष्ण को वर स्वरुप प्राप्त की थी | ये सभी पत्नीया श्री कृष्ण के पूर्वजन्म से नियोजित निर्धारित थी | अतः कृष्ण के चरित्र व्यवहार पर अनभिज्ञ लोगो को संदेह नहीं करना चाहिए |  

 
कृष्ण की प्रीत राधे से ही थी ,राधा उलाहना देती है , छोड़ कर जा रहे हो | कृष्ण कहते है ,मृत्यु तो एक न एक दिन हमें अलग कर ही देगी राधे | प्रीत मेरी सच्ची तुम्हारे मन कच्चे ,इसमें दुःख कैसा | बाद में कृष्ण द्वारिकाधीश हो गये ,फिर भी राधा - कृष्ण का सारा जीवन एक दूसरे की सोच व दुःख दर्द में ही बीता | 
 


नरसी भगत कृष्ण से शिकायत करते है ,कहते है ,आवत  लाज गवाये आखिर जात अहीर | 


महाभारत युद्ध बाद उत्तंग ऋषि कहते है ,कृष्ण तुमने नरसंहार किया है , इस युद्ध के जिम्मेदार तुम हो | जीवन जिलाने के लिए होता है | तुम मेरे शाप के भागी हो , कृष्ण कहते है ,मै तपस्वीओ के तपोबल का आदर करता हु , मै शाप ताप से परे हु | बाद में उत्तंग ऋषि को प्यास लगने पर कृष्ण अमृत भेजते है ,जिसे उतंग ऋषि अज्ञानतावश ठुकरा देते है | 

 

 
लेखक;-आचरण से ____रविकांत यादव 

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Saturday, 20 January 2024

ये जो जिंदगी है | (this is that life )

 

ये दुनिया बहुत बड़ी है , हर सेकंड २ लोग मर रहे है | अर्थात हर १ मिनट में १२० मर रहे है | युद्ध में ये संख्या बढ़ जाती है | फिर भी व्यक्ति ऐसे  जीवन जी रहा है ,ऐसे चाहते में लिप्त है | जैसे उसकी बारी आएगी ही नहीं , जैसे वो मरेगा ही नहीं | कह सकते है , मनुष्य जीने के लिए इतना मर रहा है ,कि अपने कुकर्मो का ध्यान ही नहीं | 

दो देश रूस और उक्रैन , इसराइल और हमास (फिलिस्तीन ) आपस में  ऐसे बर्बर युद्ध कर रहे है , जो जानवरो से भी बदतर है | मानवता शर्मसार है , जिसे बच्चे ,बूढ़े , महिलाये , मजलूम भुगत रहे है | 

 

जीवन में कोई मजदुर है , कोई किसान है , कोई संत है , कोई नौकर है ,कोई अफसर है , तो कोई व्यापारी है | 

पद ,प्रतिष्ठा , पैसा सब जीने के बहाने है | प्रेम , करुणा , शांति (मन की ) ही जीवन है | 

जिसमे इसका आभाव है , समझो उसने जीया ही नहीं  , उसका जीवन व्यर्थ है | 

 अपने स्वार्थ में आज व्यक्ति इतना लिप्त हो गया है ,कि जानवर हो गया है , उसे बस पैसा चाहिए ,| जिसे कलयुग में गौतम बुद्धा ने पहचाना और राजपाट छोड़  प्रेम ,करुणा , शांति  का मार्ग अपनाया | 

किसी को शिकायत है ,उसने दुनिया देखा ही नहीं | किसी को शिकायत है , उसने धन अर्जन ही नहीं किया | किसी को शिकायत है ,उसने संसाधन सुखो का भोग ही नहीं किया | किसी को शिकायत है ,उसने ज्ञान ही अर्जित नहीं किया | किसी को शिकायत है वह जीवन भर गरीब ही रहा | किसी  शिकायत है ,वह सब कुछ होते हुए भी पीड़ित रोगी ही रहा | किसी को शिकायत है ,वह सदा अभाव में ही रहा | किसी को शिकायत है ,जिंदगी समझने ,संघर्ष व लक्ष्य प्राप्ति में ही गुजर गयी | किसी को शिकायत है , वो सफल कैसे है ? मुझसे आगे कैसे निकल गया ?| किसी को शिकायत है , उसे समय ही नहीं मिला | 

 सभी को कुछ न कुछ की अभिलाषा है | और ये छोटी सी ज़िन्दगी कब जमीन पर पटक देती है ,पता ही नहीं चलता | यही  इच्छाएं पुनर्जन्म अवनति का कारण बनती है | 

ये दुनिया कुम्भ का मेला  है , भीड़ ही भीड़ है , सभी अपने स्वार्थ  महत्वकांक्षा में लिप्त है |

 बस, हम जहा भी रहे ,जिस भी हालात में रहे ,हमें ये सोचना चाहिए हम औरो से अलग है , और अपने कर्मो को ईश्वर के निम्मित सौपना चाहिए , लंका में रहकर भी विभिषण धर्मात्मा ही रहा | 

महाभारत युद्ध बाद धर्मराज युधिष्ठिर महात्मा विदुर को खोजते है , जो सन्यास लेकर वन में तपस्यारत थे | 

 युधिष्ठिर कहते है ,मुझे आपकी जरुरत है | आपके बिना मै  राजपाट  कैसे चलाऊगा , विदुर ने कहा, मै अपना शरिर त्याग  | मै अपनी आत्मा को तुम मे विलीन  कर रहा हु | मेरा ज्ञान व कुशलता तुम्हे मिल जाएगी | आज भी महात्मा ,धर्मात्मा ,कर्मयोगी होते है | जो योग्य व प्रिय व्यक्ति में विलीन हो जाते है | ये वही बात हुई आत्मा (सदआत्मा ) रूपी प्रकाश पुंज का परआत्मा में विलीन हो जाना | 



लेखक;- जिंदगी से ____रविकांत यादव 

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Wednesday, 20 September 2023

जैविक बनाम रासायनिक उर्वरक (organic vs chemical fertilizer )

आज के आधुनिक युग में हम प्रकृति को छोड़ ईश्वर के वरदान फसल ,फल ,सब्ज्जियो के उत्पादन में आर्गेनिक और कम्पोस्ट उर्वरको को छोड़ अंधी दौड़ में रासायनिक उर्वरको को उपयोग कर रहे है | जिससे तमाम बिमारीया उत्पन्न हो रही है | कारण को जाने बगैर हम लोग डॉक्टर के पास दौड़ पड़ते है , वही रासायनिक pesticides से कीड़े तो मर ही रहे है , चिड़िया व आदमी भी मर रहे है | 

ये रासायनिक उर्वरको के प्रयोग से ही हमें लीवर ,किडनी ,ह्रदय , पेट के रोग समय से पहले आँख , दांत , बाल का गायब होना व तमाम प्रकार के कैंसर का कारक है | 

ये रासायनिक  उर्वरक ही है जो मृदा की उर्वरा शक्ति कम करती है | युरिया ,डाई , पोटास से किसान के मित्र कहे जाने वाले केंचुवे मर  जाते है | 

ये विडम्बना ही है ,कि विश्व का  सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश में , विश्व के सबसे बड़े पशुपालक  देश में हम मुर्ख भारतीय विदेशो से रासायनिक उर्वरक आयात करते है | हमें जापान से सीखना होगा जो भारत से बहुत छोटा देश है , परन्तु विश्व में आर्गेनिक खाद (जैविक खाद ) बनाने व एक्सपोर्ट करने में विश्व में पहला नंबर रखता है | 



प्रकृति से सानिध्य रखने के कारण जापान के लोग विश्व में सबसे स्वस्थ्य व लम्बा जीवन जीते है | वो गाय भैस के गोबर व मूत्र से अमृत तुल्य फल फसल व सब्जिया  उगाते है | (organic ) जैविक खाद जो  गाय व भैस के गोबर से प्रक्रिया प्रोसेस द्वारा बनती है | भारत विश्व का सबसे बड़ा पशुपालक देश है फिर भी इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता , विदेशो में ऑर्गनिक खेती को बढ़ावा दिया जाता है , किसानो को सब्सिडी व प्रोत्साहन दिया जाता है | 


बाज़ार में ऑर्गनिक से उत्पाद जैसे चना , मूंग , मूंगफली , चावल ,दाल ,शहद , गुड ,गेहू आदि सामान्य उत्पाद की तुलना में डेढ़ गुना दाम पर मिलता है , कारण इनमे रोग प्रतिरोधक क्षमता व उच्च गुणवत्ता पोषक  व किसी प्रकार शरीर को नुकसान नहीं पहुँचता है | organic (जैविक खाद ) बाज़ार में 70 रूपये किलो तक बिकते है | अमेज़न जो विश्व की सबसे बड़ी e कॉमर्स कंपनी है , जो उच्च गुणवत्ता के  नाम पर इसे 170 रूपये किलो तक बेचती है | जिसे बागवानी  करने वाले घर पर सब्जी फल उगाने वाले बड़े प्रेम से खरीदते है | 

यहाँ बताना चाहुगा भारत भैस के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक है , व गाय के मांस का पांचवा (5 th ) सबसे बड़ा निर्यातक है | यदि हमारी सरकार गाय भैस के गोबर को ३ रूपये किलो भी  ले (ख़रीदे ) तो गो हत्या व भैस हत्या में कमी आ सकती है | परन्तु अफ़सोस शहरो में अधिकतर गोबर को नालियों में बहा दिया जाता है | व विदेशी हमें पिछड़ा या विकाशसील देश  कहकर खुश होते है | 

भारत विश्व में सबसे ज्यादा हिन्दू मंदिरो वाला देश है, यहाँ प्रतिदिन टनो फूल, पत्तिया, माला  आदि देव देवी को अर्पित किया जाता है , जिसे या तो कूड़े में फेक दिया जाता है या गंगा में बहा दिया जाता है , जो नदी को प्रदूषित ही करेगा | इससे फूल पत्ती व छिलको आदि से कम्पोस्ट उर्वरक बनती है , या बनाई  जा सकती है | जो बाज़ार में 50 रूपये किलो व  सबसे बड़ी e कॉमर्स कंपनी  अमेज़न पर 150 रूपये किलो तक बिकती है |



 
जागरूकता व शिक्षा के अभाव में देश गरीब (पिछड़ा ) या विकाशसील नहीं रहेगा तो और क्या रहेगा ? मृदा परीक्षण  में बहुत जरुरी हो तो हम जैविक खाद को 50 % रासायनिक खाद में मिलाकर फसलों को दे सकते है | 


लेखक;-खेती से......... रविकान्त यादव 

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Monday, 18 September 2023

कल्कि अवतार (god kalki incarnation)


सुर्यवंशी , चन्द्रवंशी आज भी होते है , जो अपने सिद्धांतो  पर जीते है | 
अवतार धर्मात्मा लोगो की वजह से ही होते है , यदि धर्मात्मा नहीं होंगे तो अवतार भी नहीं होंगे | 
ईश्वर पर किसी का कॉपीराइट नहीं होता वो सभी के होते है | 
हिन्दू जिसे अवतार कहते है , वही मुस्लिम रसूल कहते है , ईश्वर किसी से ऊंच -नीच ,जात -पात का भेद भाव नहीं करते  वो सबके होते है | 
श्रीराम जहा अछूत कहे जाने वाली शबरी के हाथ से बेर खाते है , वही कृष्ण दासी पुत्र विदुर के यहाँ केले के छिलके भी खा लेते है | मान्यता है ,कलयुग के अंतिम समय में कल्कि भगवान अवतार लेगे , जब पृथ्वी पर अग्नि ,वायु , जल ,मिट्टी , व धुप अपने मूल स्वभाव में नहीं रहेगी ,ये अपनी कृपा बरसाना बंद कर देंगे | 
मनुष्य जाति अपने स्वार्थ में सारी हदे पार कर जायेगा , चारो तरफ अधर्म ,अत्याचार , अन्याय का बोल बाला होगा , ऐसे समय में आदमी से देवता भी डरने लगेगे तब गंगाजली ब्राह्मण व ब्राह्मणत्व का पूर्ण व पवित्र पालन करने वाले भगवान कल्कि अवतार लेंगे , जो धर्मात्मा अच्छे लोगो के दुःख से द्रवित होकर शिव की तपस्या करेंगे व दिव्यास्त्र प्राप्त करेंगे , जो लगभग नरक बन चुकी पृथ्वी की रक्षा करेंगे व धर्मात्मा लोगो को पृथ्वी की तरह दुसरे ग्रह पर ले जायेगे जहा सतयुग चल रहा होगा | 


 
लेखक ;-कलियुग से....... रविकान्त यादव 
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Sunday, 19 February 2023

परलोक (the next world)

१) पृथ्वी पर समय तेज़ी से चलता है , पृथ्वी के १०० साल इंद्र के (स्वर्ग ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

इंद्र के 100 साल ब्रम्हा (ब्रम्हलोक ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

ब्रम्हा के 100 साल विष्णु (वैकुण्ठ लोक ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

जब विष्णु के सौ साल होते है ,तो शिव के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

व शिव के सौ साल देवी के एक पलक झपकना  के बराबर होता है | 

२) स्वर्गलोक :- स्वर्गलोक से आशय प्रकाश का घर होता है , उत्तराखंड के सुमेरु पर्वत के ऊपर स्वर्गलोक है , जिसे देवलोक भी कहते है , | जहा पुण्य आत्माये रहती है , यहाँ किसी प्रकार का पाप नहीं रहता ,तथा हर तरह की सुख सुविधा आनंद रहता है | यहाँ कोई दुःख कस्ट नहीं रहता ,यहाँ के राजा इंद्र है व व्यक्ति पुण्य क्षीण होने तक यहाँ रहता है | 

३)अमरावती नगरी ;- स्वर्ग की राजधानी अमरावती नगरी है , जो भव्य ,मंत्र मुग्ध , मोहक है | इसका द्वारपाल इंद्र का वाहन ऐरावत है , अमरावती से आशय अमर लोगो का शहर है , जो देवताओ से आशय है | इसका निर्माण विश्वकर्मा ने किया था | 

४) वैतरणी नदी ;- गरुण पुराण अनुसार यम के द्वार पर यह नदी बहती है , अच्छे -बुरे दोनों को इस नदी को पार करना पड़ता है | जिसका पानी रक्त का होता है , जो बहुत ही गर्म बदबूदार होता है , इसका रक्त का जल पापीयो को देखकर खौलने लगता है , इस नदी में पस , हड्डिया ,लहू ,बाल भरा रहता है व खतरनाक कीड़े मकोड़े व जीव रहते है |  पुण्य आत्माओ को यमदूत सहारा देकर इसे पार करा देते है | 

5 )यमलोक (नर्क);-यमलोक या नरक के स्वामी यमराज है , जो अच्छी बुरी आत्माओ का हिसाब करके  उनको स्वर्ग या नर्क का अधिकारी नियुक्त करते है , व पापी आत्माओ को तरह -तरह से दंडित करते है , प्रमुख भयानक 36 प्रकार की नर्क की सजाए है | 

6 ) पितृलोक ;-यहाँ व्यक्ति (पिता)1 साल से लेकर 100 साल तक रहता है | जब तक उसका पुनर्जन्म न हो जाये | यमराज पितृलोक का प्रधान होता है | 


7 ) गोलोक ;- यह भगवान कृष्ण की नगरी है , यही भगवान श्री कृष्ण अपने लोगो के साथ रहते है | 

लेखक;-पृथ्वीलोक से ___रविकान्त यादव 

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Sunday, 12 February 2023

मेरे अमर विचार -part 9 (my immortal thought my way and my world)

* समय की मार से और काल के पंजे से पृथ्वी पर स्वयं भगवान भी नहीं बच सकते | 

* ईर्ष्यालु व्यक्ति जल में डूबते हुए वह व्यक्ति है , जो स्वयं तो डूबेगा ही साथ में आप को भी पकड़ -जकड लेगा | 

* जो आप पर झुठा आरोप लगाता है , वह कही न कही असुरक्षित है और जान जाइये वह आप से तुच्छ है | 

* बेटा कहने वाले हज़ार मुँह मिल जायेगे ,परन्तु बेटी कहकर सहृदयता  दिखाने वाले बहुत कम | 

* जीवन में सफल  होने का एक ही मंत्र है, कठोर परिश्रम , क्रोध न करना और ज्ञान का दामन न छोड़ना | 

* आप कितना भी ज्ञान अर्जित कर लो परन्तु उसे आचरण में नहीं लाये तो सब  व्यर्थ है | 

* जिस प्रकार तमाम कांटो के बीच गुलाब रहता है , उसी प्रकार बुरे लोगो के बीच भी अपना कार्य करना भी जरूर आना चाहिए | 


* शर शैया पर पड़े ,द्रौपदी ने भीष्म पितामह से पुछा, भरी सभा  में मेरा  चीर हरण हुआ परन्तु आप कुछ नहीं बोले तो भीष्म पितामह ने कहा दुर्योधन का पाप का धन खाने की वजह से मेरी बुद्धि भ्रस्ट हो गयी थी | 

* समय के बिगड़े व्यक्ति को समय ही बिगाड़ देता है | 

* आज द्वेष रखने वाले भेष बदल कर रहते है | 

* आहत को राहत देना ईश्वर सेवा है | 

* तपस्या व अच्छाई का फल भविष्य में व्याज के रूप में जरूर मिलता है | 

* बहुतयात दौलत अमीरो के लिये परेशानी का सबब व साधु संतो  के लिए गले की फाँस बन जाता है | 

* स्थिर , ठहराव से अच्छा है , सक्रिय  प्रवाहमान बने रहो | 



* अवसरवादी घात लगाए मगरमच्छ के जबड़े की तरह होता है , जो दिखाई भी नहीं देता | 

* सुविधाए ही व्यक्ति को धीरे- धीरे अपना दास बना लेती है | 

* जिस प्रकार अम्बर से हमें हवा ,पानी , रोशनी मिलती है , हमें भी उसी प्रकार किसी के लिए राहत व छाया बन जाना चाहिए | 

* जिस प्रकार बिना फूल के फल नहीं आते उसी प्रकार बिना लगन व विनम्रता के विद्या नहीं आती | 

* जिस प्रकार एक एक तिनके से घोसला बन जाता है , उसी प्रकार थोड़े थोड़े श्रम से व्यक्ति अपना भविष्य बना सकता है. मंज़िल पा सकता है  | 


* जिस प्रकार वज्रपात  जलधारा से बड़े बड़े पर्वत भी टूट जाते है , उसी प्रकार घमंड से भरा व्यक्ति का भी नाश हो जाता है | 

* जिस प्रकार  बादलो में सुर्य का प्रकाश ज्यादा देर छुप नहीं सकता ठीक उसी प्रकार व्यक्ति की प्रतिभा छिप नहीं सकती | 

* जैसे बिना पतवार के नाव दिशाहीन है , वैसे ही बिना उद्देश्यय जीवन दिशाहीन है | 

लेखक;-विचारक ____रविकान्त यादव 

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Friday, 10 February 2023

साधना सरगम के गाने (top songs)

१) बिन साजन झूला झुलु ( दामिनी )

२) सात समंदर पार  मै (विश्वात्मा )

३) जाने जा जाने जा ( अनाडी )

४) कितनी चाहत छिपाये  बैठा हु (हिम्मतवर ) duet 

५) मेहबूब सनम तुझे मेरी कसम ( किस्मत ) duet 

६) फूल जैसी मुस्कान तेरी ( तकदीरवाला ) duet 

७) आशिक़ी में हर आशिक़ हो जाता ( दिल का क्या कसूर ) 

८) सुबह से लेकर शाम तक ( मोहरा ) duet 

९) ठहरे हुए पानी में ( दलाल ) female 

१०) तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार ( दीवाना ) duet 

११) चुपके से चुपके से ( साथिया )

१२) कल कॉलेज बंद हो जायेगा  ( जान तेरे नाम ) duet 

१३) यही कही जियरा हमार ( खुदगर्ज़ ) duet 

१४) नैना मिलाय के ( साथिया ) 

१५) पहला नशा ( जो जीता वही सिकंदर ) duet 

१६) ना कजरे की धार ( मोहरा ) duet 

१७) दिल का रसिया और कहा होगा ( एलबम वादा )

१८) जबसे तुमको देखा है सनम ( दामिनी ) duet 

१९) आप के करीब हम रहते है ( साजन की बाहो में ) duet 

20) क्या मौसम आया है (अनाड़ी ) duet 

इन गानो को आप youtube से mp3  format में या google से या downloadming से गानो के बोल या फिल्मो के नाम से डाउनलोड कर सुन सकते है | 

लेखक;-संकलन प्रस्तुतकर्ता _____रविकांत यादव 

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