धीरे धीरे रे मना ,धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा ऋतु आये फल होय ॥
प्रेरणा हमारे चारो तरफ है , वो मात्र हमारी मेहनत व हम पर निर्भर है , इसका शॉर्टकट नहीं होता ।
महमूद गजनबी जो १७ बार सोमनाथ साम्राज्य पर हमला करता है , हर बार हारता है , जान बचा कुवे में छिप जाता है , वहा देखता है , एक चींटी दिवाल पर बार बार फिसलती है फिर चलती है , आखिर कार वह चोटी पर जाने जाने में सफल रही , यही वो प्रेरणा है ,जो आखिर जित दिला ही देती है ।
हरिवंश राय बच्चन जी की कविता लहरो से डर कर नौका पार नहीं होती कोसिस करने वालो की कभी हार नहीं होती , नन्ही चींटी जब दाना लेकर कर चलती है , दीवारों पर सौ बार फिसलती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अब्राहम लिंकन जीवन भर असफलता झेलते रहे आखिरकार वो अमेरिका के १६ वे महान राष्ट्रपति बने ॥
एडिसन तमाम १००० असफलताओ के बाद बल्ब के आविष्कारक बने एक पत्रकार ने पूछा १००० बार फेल होकर कैसा लग रहा है , तो उन्होंने कहा ये १००० सीढिया ही बल्ब तक ले आयी है ।
रिलायंस के स्थापक धीरूभाई अम्बानी पेट्रोल पम्प पर नौकरी करते थे ।
फेसबुक के स्थापक हेड मार्क जुकरबर्ग वर्णान्ध है , उन्होंने १ प्रतिसत शेयर रख कर सब दान में दे दिए ।
माइक्रोसॉफ्ट के स्थापक बिल गेट्स दुनिया के सबसे आमिर व्यक्ति जिस कक्षा में स्नातक में असफल रहे उसी कक्षा के टॉपरो को आज नौकरी पर रखे हुए है ।
निरक्षर माउंटेन मैन के नाम से मसहूर दशरत मांझी ने अकेले पर्वत काट राह बनाई व गाँव को ५५ km से 15 km किया जिससे शहर से जल्दी जुड़े ।
फुटबॉल स्टार मेस्सी बचपन से असाध्य रोग से ग्रसित थे , वे फुटबॉल खिलाडी नहीं बन सकते थे उनका परिश्रम ही उन्हें आज महान खिलाड़ियों में एक बनाता है ।
सच ही कहा गया है , जहा चाह तहा राह नामुमकिन कुछ भी नहीं जीवटता हर मुश्किल को आसान बना देती है ।
लेखक ;- प्रेरित ________रविकान्त यादव
for more click ;-https://www.facebook.com/ravikantyadava
and http://justiceleague-justice.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment