शेर एक बार पानी पिने कछुवो के दायरे में चला गया तो कछुवे उसे जिन्दा ही पानी में घसीटने लगे , शेर ने पूछा ऐसा क्या कसूर हुआ है , तो कछुवे बोले जब तुम पानी पीने आते थे , तो हमें ध्यान नहीं देते थे ,अपने पैरो के नीचे रखते थे | शेर किसी तरह गिड़गिड़ा कर वहा से भागा शेर जब वहा से गुजरा तो वह चीटियों के दायरे में चला गया चीटिया तुरंत ही उसे जिन्दा ही उठाकर खाने लगी , शेर बोला मेरी तुमसे क्या दुश्मनी है | चींटिया बोली तुम बहुत घमंडी हो तुम्हारे चाल की वजह से हमारे घरौंदे उजड गए व कई चींटिया तुम्हारे नाखून से घायल हो गयी शेर पूरी ताक़त से वहा से किसी तरह भागा अब शेर ने सोचा चलो अब किसी बहुत कमजोर व डरपोक के दायरे में चलू , अब वह चूहों के दायरे था , चूहों ने शेर को पकड़ लिया तथा कहा क्यों बे हम तेरे रास्ते से गुजरते है तो तू हमें नमस्कार क्यों नहीं करता बे , चूहे ने उसे पकड़ कर पटक पटक कर बड़ी मार मारा , शेर ने सोचा चलो अब बगल में ही अपने खरगोश मित्र के यहाँ चलु , खरगोश के यहाँ जाते ही खरगोश ने उसे जहर वाला जलपान पेश किया शेर की हालत बिगड़ने पर खरगोश हसते हुए बोला तेरे घर गया था तो तू बड़ा उल्टा सीधा बोल रहा था , तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ऊंची आवाज में बात करने की अपने को बड़ा बन रहा था ,बड़ा तीस मार खान था ले मर अब तेरे घर पर मेरा कब्ज़ा हुआ शेर बच गया व भागा |
अचानक शेर फिसल गया व मिट्टी से भरे केंचुवे के दायरे में पहुंच गया | केंचुवे ने कहा ये कुत्ते तू मेरे इलाके में क्या कर रहा है , तब शेर ने कहा ध्यान दे केंचुवे भाई मै जंगल का राजा शेर हु , केंचुवे ने कहा नज़रे नीची कर बात कर, तू होगा शेर वेर भाग मेरे दायरे से वरना घसीट घसीट कर मारुंगा ,परन्तु शेर अब डर व दिग्भर्मित हो गया था , उसने एक बूढ़े भेड़िये से पूछा ओ भेड़िये बाबा इधर से मेरा रास्ता जरा बता दो , भेड़िये ने कहा जरा अपना सोने की अंगूठी दो शेर ने दे दिया तब भेड़िये ने कहा भाग यहाँ से मुझसे तुझसे कोई मतलब नहीं तू कौन मेरा है | अब शेर ने कसम खाई अब मै केवल अपने दायरे में रहुगा ,उधर से एक बिल्ली गुज़री शेर ने कहा ओ बिल्ली मौसी कैसी हो , बिल्ली ने उसे किसी तरह पहचाना ,बोली मै मूछ वाली सुमन बिल्ली हु , मासूम कमजोर मेरे शिकार होते है , मै अपने अनुशासन के लिए जानी जाती हु | बिल्ली बोली अब चल हट तू , तू इतना बड़ा नहीं की तेरे से बात करू |
उधर से एक जिराफ गुजरा शेर ने कहा सोचा कम से कम जिराफ तो उसकी कदर करेगा , उसने कहा जिराफ भाई मुझसे दोस्ती करोगे , लेकिन जिराफ ने कहा देख भाई तू ठहरा टिन्गु ,मै कहा लम्बा ,तू मेरी दोस्ती के काबिल नहीं है |
शेर अब सतर्क था , परन्तु गलती से चिडियो के दायरे में पहुंच गया , गुस्साई चिडियो ने उसे पंजे में पकड़कर सैकड़ो फ़ीट हवा में ऊपर टांग दिया वो उसे ऊपर से फेकने ही वाली थी ,कि शेर गिड़गिड़ाया वो चिड़िया जी मेरी आपसे क्या दुश्मनी चिड़िया बोली तुम्हारे छलांग की वजह से हमारे घोसले व अंडे टूट गए थे | व तुम अकड़ते हुए चले गए थे | चिड़िया उसे ऊपर ले जाकर गिरा देती है , शेर किसी तरह बेल पकड़ जिन्दा बचा , वह वहा से भागा गिरते पड़ते वह हाथियों के दायरे में आ गया , हाथी बोला क्यों बे इधर क्या कर रहा है | जान की परवाह नहीं क्या ? शेर बोला माई -बाप मैंने आपका क्या बिगाड़ा है | हाथी बोला अरे तू बिगाड़ ही क्या लेगा बे चल अब पैर पर मालिश कर और चलता बन नहीं तो यही कीमा बना दुगा | शेर किसी तरह नजर बचा हाथी के चंगुल से बेतहासा भागा , शेर अब समझ गया था , उसे अब अपने दायरे में ही रहना होगा , न चाहते हुए भी लोग दुश्मन बन ही जाते है | पता न कब कौन किसके दायरे में आ जाये वो जान गया, न वो समाज का है और न समाज उसका , निश्वार्थ समझौता कही नहीं है |
लेखक ;-अपने दायरे से ____ रविकान्त यादव for more click ;-https://www.facebook.com/ravikantyadava
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