Sunday 5 February 2017

जीवन दाता ( the creater and feeling )

शाम का समय था , हल्की हवा में पत्ते झूम रहे थे , पास ही मंदिर था , एक बालक संध्या  और प्रकृति का आनंद उठा रहा था , । तभी अचानक आंधिया चलने लगी , जमीन पर पके फलो का ढेर लग गया , उसी आम पर लाल चीटियों का घोसला भी था , घोसला सीधे उस बालक के  ऊपर आकर गिर जाता है । 
लाल चीटिया जहरीली और आक्रामक होती है , उन्होंने बालक को काटना आरम्भ कर दिया बालक ने सोचा इन चीटियों को यदि मैं बना नहीं सकता तो हानि और मारने वाला मैं कौन ? 

उसने  घोसला उठा कर सीधे आम के तने पर वापस रख दिया तथा पके आमो को उठा कर वहा से चला गया । 

लेखक;- दर्शनार्थ_____रविकान्त यादव 




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