सोशल मीडिया अर्थात facebook , twitter , google + , linkedin , instagram , whatsapp , pinterest ,
आदि पर वर्तमान समय में किसी पर विश्वास न करे , जब तक उससे मिल न ले वो भी बहुत संभल कर ,
fake id की तमाम भरमार है , तमाम लुटेरे भेड़िये स्वार्थ सिद्धि के लिए आतुर रहते है , ।
मुझे एक बुजुर्ग ने बताया था किसी को आप एक दिन में नहीं पहचान समझ सकते , फिर तो इन सोशल मीडिया वालो की एक ही id और intro रहती है ।
प्रतिदिन औसतन 30000 वेबसाइट अकाउंट हैक होते रहते है , फेसबुक पर 60000 हैकर प्रतिदिन हैक या हैकर सक्रीय रहते है । इसे आम भाषा में cyber crime कहते है ।
यदि आपकी id या ग्रुप को हैक या अश्लील फोटो या आपको बदनाम करने की कोसिस है तो , cybercell.mumbai@mahapolice.gov.in पर या cybercrimeps@ksp.gov.in पर email कंप्लेन करे । हैक से बचने के लिए पासवर्ड save न करे , इसी तरह फेसबुक पर जाकर रिपोर्ट obtion के जरिये group और किसी की निजी id दोनों की कंप्लेन कर सकते है ।
सोशल मीडिया ज़माने को जानने पहचानने के लिए है । उस आभासी ज़माने दुनिया का अंग बनने के लिए नहीं ।
लेखक;- सोशल मीडिया उपयोगी_____ रविकान्त यादव for more click me ;- https://www.facebook.com/ravikantyadava
http://justiceleague-justice.blogspot.in/
आदि पर वर्तमान समय में किसी पर विश्वास न करे , जब तक उससे मिल न ले वो भी बहुत संभल कर ,
fake id की तमाम भरमार है , तमाम लुटेरे भेड़िये स्वार्थ सिद्धि के लिए आतुर रहते है , ।
मुझे एक बुजुर्ग ने बताया था किसी को आप एक दिन में नहीं पहचान समझ सकते , फिर तो इन सोशल मीडिया वालो की एक ही id और intro रहती है ।
प्रतिदिन औसतन 30000 वेबसाइट अकाउंट हैक होते रहते है , फेसबुक पर 60000 हैकर प्रतिदिन हैक या हैकर सक्रीय रहते है । इसे आम भाषा में cyber crime कहते है ।
यदि आपकी id या ग्रुप को हैक या अश्लील फोटो या आपको बदनाम करने की कोसिस है तो , cybercell.mumbai@mahapolice.gov.in पर या cybercrimeps@ksp.gov.in पर email कंप्लेन करे । हैक से बचने के लिए पासवर्ड save न करे , इसी तरह फेसबुक पर जाकर रिपोर्ट obtion के जरिये group और किसी की निजी id दोनों की कंप्लेन कर सकते है ।
सोशल मीडिया ज़माने को जानने पहचानने के लिए है । उस आभासी ज़माने दुनिया का अंग बनने के लिए नहीं ।
लेखक;- सोशल मीडिया उपयोगी_____ रविकान्त यादव for more click me ;- https://www.facebook.com/ravikantyadava
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