एक बार चीटियों का झुण्ड कार्य कर रहा था , तभी अचानक हाथियों का झुण्ड गुजरता है , और अनेक चींटी कुचलकर मारी जाती है , तभी एक चींटी सोचने लगती है , अपने हाल पर कि मैं दुनिया की सबसे कमजोर प्राणी हु , कोई भी कुचल जाता है ,
थोड़ी हवा पानी से उड़ बह जाती हु , मेरी जिंदगी व्यर्थ है , अब मैं आत्महत्या कर लुंगी और भगवान् से सारे प्रश्नों का उत्तर लुंगी , ईश्वर को कोई हक़ नहीं की हम चीटियों को कमज़ोर बनाये वह गुस्से में चली जा रही थी , आत्महत्या करने , तभी रस्ते में उसे टोकते हुए अपनी मस्ती में गाना गाते हुए एक घुन ने कहा अरे चींटी बहन कहा जा रही हो ,
चींटी ने कहा आत्महत्या करने , घुन ने कहा क्यों ? तो उसने कहा मैं दुनिया में सबसे कमजोर प्राणी हु , इसलिए तब घुन ने कहा तुम कमजोर कैसे हो सकती हो , तुम तो कही भी रह सकती हो कुछ भी आहार ले सकती हो , तुम लोगो में गजब की एकता है , और अपने अपने वजन का चौगुना वजन भी उठा सकती हो , तुमसे कही अधिक कमजोर तो मैं हु , तब चींटी ने पूछा कैसे तब घुन ने कहा एक किसान अपना अनाज ले जा रहा था , हलकी हवा चली और मैं उड़ कर रास्ते पर आ गया अब कही अनाज भंडार खोज रहा हु , ताकि जी सकु
, मैं अनाज पर ही जिंदा रहता हु , पानी से भी भय है , और अनाज के साथ पीस भी जाता हु , परंतु मुझे कोई दुःख नहीं जिसने भी ये जीवन दिया है, ये जीवन भी उसी परमात्मा के अधीन है , मैं अपना काम कर रहा हु और परमात्मा अपना ।
आप चींटी की आँखे खुल चुकी थी उसे बोध हो गया था , कि बिबस से भी बिबस जिव जंतु भी इस संसार में है ।
अतः हमें अपने हित के लिए ही नहीं बल्कि अच्छे सामाजिक कार्य के लिए जी कर सहारा, मार्गदर्शक बन कर जीवन को सार्थक बनाना चाहिए , ।
आज आप जो बिबस है , कही न कही आपसे भी मजबूर व्यक्ति खुसी से अपनी जिंदगी जी रहा है , वो आपके हताश जीवन के लिए प्रेरणा का श्रोत है ।
विधाता ने दिया सभी को रूप रंग आकर प्रकार ।
सभी जीवो का है अपना घर संसार ॥
विनती मेरी सभी प्राणियों से बारम्बार ।
जिंदगी उपहार है , ईश्वर का, जिंदगी से कर लो प्यार ॥
लेखक;- प्रेरित प्राणी _______रविकान्त यादव for more click me ;- https://www.facebook.com/ravikantyadava
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