1)मंदिर ;- हिन्दू धर्म का पवित्र स्थान , जिसका शाब्दिक अर्थ मन का दर या द्वार होता है , देवी देव की प्रतिक चिन्ह या प्रतिमा स्थापित होती है , इसके गुम्बज़ उचे होने का वैज्ञानिक आधार प्रतिध्वनि द्वारा प्रार्थना आप तक मिले भला हो , हिन्दू धर्म में मंदिर का वैज्ञानिक महत्त्व होता है , चाहे मुख्य कपाट पूर्व दिशा की तरफ खुले , या शिवलिंग मुख उत्तर दिशा की तरफ हो , हिन्दू धर्म सबसे प्राचीन धर्म है ।
२)मस्जिद ;- यह स्थान मुस्लिम बन्धुवो का पवित्र स्थान होता है , । इनका सिद्धांत है , ईश्वर एक है , अतः कोई प्रतिमा नहीं होती , प्रार्थना करना ही मुख्य मकसद होता है , यहाँ भी प्रतिध्वनि गूँजती है ।
३)गुरुद्वारा ;- यह शिख धर्म का पवित्र स्थान है , किसी भी धर्म , जाति , व्यक्ति की सेवा पर ये लोग अति ध्यान देते है , यहाँ गुरुग्रंथ साहिब रखी रहती है , साथ में अन्य गुरुओ के चित्र लगे रहते है , व ह्रदय को छु लेने वाला भजन चलता रहता है , यहाँ भी प्रतिध्वनि गूंजती है ।
४) चर्च ;- यह ईसाइयो का पवित्र स्थान होता है , प्रभु यशु सलीब पर रखे दीखते है , उनके सम्मान में शांति रख मोमबत्ती जला प्रार्थना करते है ।
। जिसे मठ या पैगोडा भी कहते है , जहा बिना बाल के सन्यासी रहते है ।
६)जैन डेरासर ;- जैन धर्म का पवित्र स्थान एक तरह का मंदिर ही है , जिसे डेरासर कहते है , यहाँ मात्र भगवन अरिहंत की प्रतिमा होती है , ये भगवान् पर नहीं पूर्ण मानव होने पर विश्वास व कर्म करते है , इनके पहले भगवान या पूर्ण महापुरुष अरिहंत व २४ वे व आखिरी भगवान महावीर (जिन्हें वर्धमान भी कहते है ) यहाँ भी आवाज़ की धार्मिक शब्दो की प्रतिध्वनि होती है ।
७) शंख ;- हिन्दू धर्म में अधिकतर देवो के हाथ में विशेषतर विष्णु के हाथ में शंख दर्शाया गया है ।
इसकी आवाज़ मात्र से पवित्रता फ़ैल जाती है , इसे घर में रखना अति शुभ माना जाता है , इसमें जल रख कर देव अर्पण पर देव अति प्रसन्न होते है , शिवाय शिव के क्यों की शिव जी ने शंख चुड का वध किया था ।
साधारण जल भी इसमें रखने पर गंगाजल तुल्य हो जाता है , इसकी आवाज़ को सृस्टि के निर्माण में बनी आवाज़ ॐ से जोड़ा जाता है ।
८)श्याम कर्ण घोडा ;- अति उत्तम ऐसे घोड़े का शरीर सफ़ेद और कान काले होते है , प्राचीन समय में इसे राज्य व श्रीराम अश्वमेघ यज्ञ में छोड़ा गया था अति दुर्लभ वर्तमान समय में शायद ही मिले ।
९) तुलसी ;-हिन्दू धर्म में इसका विशेष स्थान है , भगवान् विष्णु से जुडी व प्रिय आहार अर्पण , इसके पत्ते बहुत गुणकारी होते है , व रोग नाशक होते है , ।
यह २४ घंटे ऑक्सीजन प्रदान करती है , इसे घर में लगाने पर सुख शांति रहती है । नकारात्मक ऊर्जा व हानिकारक गैसों जैसे कार्बोनमोनो डाईऑक्साइड , कार्बन डाइऑक्साइड , सल्फर डाइऑक्साइड , आदि को सोख लेती है , धार्मिक, पौराणिक,और वैज्ञानिक आधार की वजह से उत्तम पौधा है ॥
लेखक;- धार्मिक ______रविकान्त यादव for more click ;- https://www.facebook.com/ravikantyadava
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