आज हम जिस मंगल या चाँद पर बसने की बात कर रहे है , तो सोचिये कभी पृथ्वी भी इनकी तरह निर्जन और जीवनरहित रही होगी , अर्थात हमारे ऊपर कोई अन्य सभ्यता द्वारा हमें इस पृथ्वी पर बसाया गया हो ।
मानव सभ्यता को बचाने के लिए ।
सोचिये जो सभ्यता अन्य ग्रह पर रही होगी मानव जीवन हेतु या खतरा की मानव सभ्यता नस्ट न हो ।
पृथ्वी की रचना की गयी होगी फिर इस पर जीवन उत्पन्न किये गए होंगे ।
हो सके हम मानव भी भविष्य में सूर्य , चाँद या अन्य पृथ्वी बना ले तो इसमें आश्चर्य नहीं है ।
अभी ही जब हम हाइड्रोजन बम बना चुके है , हाइड्रोजन बम को सूर्य से बेहतर बताया जा रहा है , कइयो हाइड्रोजन बम एक सूर्य के बराबर है , । हाइड्रोजन बम एक प्रकार का सूर्य ही है ।
२) जिसने भी अन्न उपजाने वाली धरती , हवा , पानी , ऊष्मा , रौशनी , आदि बनाये है , उन्हें हम अग्नि देव , वरुण देव , ( वरुण देव को जल और समुद्र का देवता भी कहते है ) वायु देव नहीं कहेगे उन्हें हम विज्ञान की भाषा में इन्हें हम रासायनिक वैज्ञानिक कहेगे ।
ईसाई धर्म कहता है बाइबिल द्वारा पृथ्वी पर पहले आदम और हव्वा आये , ।
हिन्दू कहते है ,पहले ब्रह्मा के बेटे सत्यव्रत मनु और सप्त ऋषि आये , मनु संसार के पहले व्यक्ति थे , मनु से ही मानव या मनुष्य शब्द बना , अतः हम मानव मनु के वंशज है , वही पहली महिला शतरूपा थी , इनके विवाह से कुल 5 संतान हुई ।
मनु और शतरूपा का जन्म ब्रम्हा के शरिर से जन्म हुआ था , वही सप्तऋषि ब्रह्मा के दिमाग से जन्मे थे ।
पृथ्वी को बनाया गया उसे हम आज हम मानवो के लिए भगवान् या एलियन कह सकते है , या हमारे पूर्वज जो दूसरे ग्रह पर थे , ने पृथ्वी को हमारे रहने लायक सुलभ किया होगा , इस पृथ्वी को क्रमानुसार बनाया पहले
उल्कापिंडों की बौछार से धुल व मलबे द्वारा जलती मिटटी लावा से पृथ्वी बनाई फिर यहाँ वर्षो जल बरसा फिर वायु , फिर ओजोन परत या गैस , फिर अन्न या अन्य पौधे , वृक्ष उत्पन्न किये , फिर किट पंतगों , पक्षियों , जानवरो को भेजा, ठीक पहले जैसे हमने चाँद पर भेजा था , फिर अंत में हम मानव को भेजा होगा जिससे आज अरबो मानव हो चुके है ।
अगर उनके लिए ज्यादा मानव या जीवन भेजना या शिफ्ट होना संभव न रहा हो तो या तो वो सभ्यता ख़त्म हो चुकी होगी , या तो वो कही से आज भी हम पर नज़र रखे होंगे ।
४) सतयुग , त्रेता , द्वापर का विज्ञान अद्भुत था , उस वक़्त देवताओ को मानवो से खतरा नहीं था , वो आते और अपना आविष्कार जैसे अस्त्र शस्त्र दे कर चले जाते चुकी जिसको वो देते वो उसे बनाना नहीं जानते थे ,
इसलिए वो लुप्त हो गए , आज कलियुग में वही भगवान विज्ञान की भाषा में एलियन के नाम से जाने जाते है ।
मानव सभ्यता को बचाने के लिए ।
सोचिये जो सभ्यता अन्य ग्रह पर रही होगी मानव जीवन हेतु या खतरा की मानव सभ्यता नस्ट न हो ।
पृथ्वी की रचना की गयी होगी फिर इस पर जीवन उत्पन्न किये गए होंगे ।
हो सके हम मानव भी भविष्य में सूर्य , चाँद या अन्य पृथ्वी बना ले तो इसमें आश्चर्य नहीं है ।
अभी ही जब हम हाइड्रोजन बम बना चुके है , हाइड्रोजन बम को सूर्य से बेहतर बताया जा रहा है , कइयो हाइड्रोजन बम एक सूर्य के बराबर है , । हाइड्रोजन बम एक प्रकार का सूर्य ही है ।
२) जिसने भी अन्न उपजाने वाली धरती , हवा , पानी , ऊष्मा , रौशनी , आदि बनाये है , उन्हें हम अग्नि देव , वरुण देव , ( वरुण देव को जल और समुद्र का देवता भी कहते है ) वायु देव नहीं कहेगे उन्हें हम विज्ञान की भाषा में इन्हें हम रासायनिक वैज्ञानिक कहेगे ।
ईसाई धर्म कहता है बाइबिल द्वारा पृथ्वी पर पहले आदम और हव्वा आये , ।
हिन्दू कहते है ,पहले ब्रह्मा के बेटे सत्यव्रत मनु और सप्त ऋषि आये , मनु संसार के पहले व्यक्ति थे , मनु से ही मानव या मनुष्य शब्द बना , अतः हम मानव मनु के वंशज है , वही पहली महिला शतरूपा थी , इनके विवाह से कुल 5 संतान हुई ।
मनु और शतरूपा का जन्म ब्रम्हा के शरिर से जन्म हुआ था , वही सप्तऋषि ब्रह्मा के दिमाग से जन्मे थे ।
पृथ्वी को बनाया गया उसे हम आज हम मानवो के लिए भगवान् या एलियन कह सकते है , या हमारे पूर्वज जो दूसरे ग्रह पर थे , ने पृथ्वी को हमारे रहने लायक सुलभ किया होगा , इस पृथ्वी को क्रमानुसार बनाया पहले
उल्कापिंडों की बौछार से धुल व मलबे द्वारा जलती मिटटी लावा से पृथ्वी बनाई फिर यहाँ वर्षो जल बरसा फिर वायु , फिर ओजोन परत या गैस , फिर अन्न या अन्य पौधे , वृक्ष उत्पन्न किये , फिर किट पंतगों , पक्षियों , जानवरो को भेजा, ठीक पहले जैसे हमने चाँद पर भेजा था , फिर अंत में हम मानव को भेजा होगा जिससे आज अरबो मानव हो चुके है ।
अगर उनके लिए ज्यादा मानव या जीवन भेजना या शिफ्ट होना संभव न रहा हो तो या तो वो सभ्यता ख़त्म हो चुकी होगी , या तो वो कही से आज भी हम पर नज़र रखे होंगे ।
३) हिन्दू धर्म में एक कथा आती है ,कहानी मत्स्यवतार यहाँ हम मत्स्यववतार को दिलेर वैज्ञानिक या एलियन कहेगे , धरती प्रलय में मत्स्य बने भगवान् ने धर्मात्मा राजा सत्यव्रत मनु से कहा ये धरती पर जल प्रलय होने वाली है , एक बड़ी नाव बनाओ और हर जड़ी बूटी , अन्न, फल, पशु आदि की एक एक प्रजाति ले लो जिससे बाद में सृस्टि को फिर से बसाया जा सके , हिन्दू धर्म के पहले अवतार मत्स्य ने हवग्रीव राक्षस को मारकर प्रकाश पुंज रुपी चोरी हुए वेदो को मुक्त कराया व फिर बाद में भगवान् ने मनु और सप्त ऋषियों को अमर ज्ञान दिया , व खीचकर सुमेरु पर्वत पर ले जाकर भवसागर पार लगाया ॥
४) सतयुग , त्रेता , द्वापर का विज्ञान अद्भुत था , उस वक़्त देवताओ को मानवो से खतरा नहीं था , वो आते और अपना आविष्कार जैसे अस्त्र शस्त्र दे कर चले जाते चुकी जिसको वो देते वो उसे बनाना नहीं जानते थे ,
इसलिए वो लुप्त हो गए , आज कलियुग में वही भगवान विज्ञान की भाषा में एलियन के नाम से जाने जाते है ।
लेखक;- रचनाकार _______रविकान्त यादव for more click me ;- http://justiceleague-justice.blogspot.in/
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