दो खुश्बूओ की प्यार है , बेटिया ,
दो चमन की गुलज़ार है, बेटिया ,।
गंगा उद्भव विशाल समुद्र धार है , बेटिया ,
बिन सींचे संचित संस्कार है , बेटिया ।
प्यार से पोषित घर संसार है , बेटिया ,
भारत माता मातृ भूमि परिवार है ,बेटिया ।
अन्याय के विरुद्ध जो उठ सके वो तलवार है , बेटिया ,
जगत रचना सृस्टि आधार है , बेटिया ।
मात -पिता पूर्णता अश्रुधार है , बेटिया ,
सफलता से रार जयकार है ,बेटिया ।
पवित्र भावनाओ की उद्गार है बेटिया ,
तप -त्याग -तपस्या की प्रहार है , बेटिया ।
नवरात्रि पूजन नमामि बारम्बार है , बेटिया ,
नमामि भारत भूमि देवी अवतार है , बेटिया ।।
लेखक ;- रचयिता_____ रविकान्त यादव for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.in/
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