Friday 25 February 2022

देव दर्शन व प्रतीक ( symbol and sign of god )

हिन्दू धर्म में अधिकतर प्रमुख सभी देवताओ के कोई न कोई  वाहन है | जो उनके (वाहनो ) के माध्यम से प्रतीक चिन्ह भी दर्शाते है , जिससे उनके व्यक्तित्व व चरित्र का अंदाजा लगाया जा सकता है | 

आइये जानते है , उनके वाहन व उनके प्रतीक अर्थ | 

१) भगवान शिव का वाहन नंदी बैल है , जो परिश्रम , निर्भरता , ताक़त ,हिम्मत, आनंद व हर्ष का प्रतीक है | 

२) कृष्ण व भगवान् विष्णु का वाहन गरुण पक्षी है, जो उग्र हिंसक शक्तिशाली है , जो गति , कौशल- योद्धा  व वीरता का प्रतीक है | 


३) देवी सरस्वती , विश्वकर्मा , गायत्री , व ब्रम्हा का वाहन हंस है , जो कृपा , सुंदरता , समर्पण , भक्ति , प्यार, सत्यनिष्ठा , शुद्धता , शांति, साझेदारी , ऊर्जा , शिष्टता , सुरक्षा , रचनात्मक्ता , व परिवर्तन का प्रतीक है | 

४) शनिदेव का वाहन क्रमसः गिद्ध व कौवा है ,जो गिद्ध- मृत्यु , पुनर्जन्म , बराबरी, अनुभव, उपाय कुशलता,सुरक्षा ,विश्वास , गंभीरता , चतुराई , सफाई का प्रतीक है ,| वही कौवा परिवर्तन , बदलाव , निर्भय , भाग्य , व शरारत का प्रतीक है | 

५) कल्कि , इंद्र, व सूर्य देव का वाहन घोड़ा है ,जो दृढ़ निश्चय ,धैर्य , वीरता , आज़ादी, यात्रा , सुंदरता ,वैभव , महिमा ,आत्मभावना का प्रतीक है | 


६) इंद्रदेव का वाहन हाथी है, जो देवत्व व राजशाहीपन का प्रतीक है | 


७) देवसेनापति कार्तिकेय का वाहन मोर है , जो सुंदरता ,प्यार व जोश जूनून का प्रतीक है | 


८) गणेश जी का वाहन चूहा है , जो साहसिक व दृढ हठी  होने का प्रतीक है | 


९) अग्नि देव का वाहन भेंड़ा है , जो साहस , नयी शुरुआत , नयी राह व  शक्ति का प्रतीक है | 


१०) भैरव जी का वाहन कुत्ता है , जो अनुकूलनीयता , परिवार, मित्रता , स्नेह , निष्ठा , भक्ति , समर्पण , धैर्य , दृणता , बहादुरी , संरक्षण , संवेदनशीलता , सूक्ष्म दृष्टि , उद्देश्य व ख़ुशी का प्रतीक है | 

११) गंगा जी का वाहन मगरमच्छ है , जो आदिकाल , मौलिकता , बुद्धिज्ञान , कार्यक्षमता , गोपनीयता , व आशय अन्य शक्तिशाली समूह से है | 

१२) दुर्गा जी व उनके सभी रूपों का वाहन शेर है ,जो   साहस , महानता , राजपरिवार  से, शक्ति , भव्यता , व वीरता का प्रतीक है | 


१३) कामदेव का वाहन तोता है , जो आवाज़ , सम्पर्क  व शब्दों के ताक़त का प्रतीक है | 

१४)  चंद्र देव व वायु देव का वाहन हिरन है , जो आध्यात्मिक अधिकार , नया जन्म , ईश्वर भक्ति , जो अपने बच्चो का ख्याल रखने का प्रतीक है | 

१५) यमराज या धर्म राज का वाहन भैसा है , जो प्रचुरता , अभिव्यक्ति (प्रकट करना ) वही सफ़ेद भैसा आशा , व अच्छे समय के आने के संकेत का प्रतीक है | 

१६) कालरात्रि व शीतला जी का वाहन गर्दभ (गधा ) है , जो धैर्य , सहनशक्ति , दीनता , बिनम्रता , व साहस का प्रतीक है | 

१७) लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू है , जो धन ,समृद्धी , बुद्धि , अच्छा भाग्य , और सफलता का प्रतीक है | 

१८) कुबेर जी का वाहन नेवला है , जो जोखिम भरा अनुभव , साहसिक , पराक्रम , आवेगशील , व  विद्रोही स्वाभाव का प्रतीक है | 

१९) भूमि (धरती माता ) ,शैलपुत्री ,महागौरी ,दत्तात्रेय का वाहन गाय है ,जो उपजाऊपन , उदारता,मातृत्व , जीवन का उदय , व शांति का प्रतीक है | 

२०) यमुना नदी का वाहन कछुवा है , जो सफलता , लम्बे जीवन , बुद्धि , धैर्य व शांति  ज्ञान का प्रतीक माना गया है | 
लेखक;-देवी देवताओ से ______रविकांत यादव