Wednesday 20 September 2023

जैविक बनाम रासायनिक उर्वरक (organic vs chemical fertilizer )

आज के आधुनिक युग में हम प्रकृति को छोड़ ईश्वर के वरदान फसल ,फल ,सब्ज्जियो के उत्पादन में आर्गेनिक और कम्पोस्ट उर्वरको को छोड़ अंधी दौड़ में रासायनिक उर्वरको को उपयोग कर रहे है | जिससे तमाम बिमारीया उत्पन्न हो रही है | कारण को जाने बगैर हम लोग डॉक्टर के पास दौड़ पड़ते है , वही रासायनिक pesticides से कीड़े तो मर ही रहे है , चिड़िया व आदमी भी मर रहे है | 

ये रासायनिक उर्वरको के प्रयोग से ही हमें लीवर ,किडनी ,ह्रदय , पेट के रोग समय से पहले आँख , दांत , बाल का गायब होना व तमाम प्रकार के कैंसर का कारक है | 

ये रासायनिक  उर्वरक ही है जो मृदा की उर्वरा शक्ति कम करती है | युरिया ,डाई , पोटास से किसान के मित्र कहे जाने वाले केंचुवे मर  जाते है | 

ये विडम्बना ही है ,कि विश्व का  सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश में , विश्व के सबसे बड़े पशुपालक  देश में हम मुर्ख भारतीय विदेशो से रासायनिक उर्वरक आयात करते है | हमें जापान से सीखना होगा जो भारत से बहुत छोटा देश है , परन्तु विश्व में आर्गेनिक खाद (जैविक खाद ) बनाने व एक्सपोर्ट करने में विश्व में पहला नंबर रखता है | 



प्रकृति से सानिध्य रखने के कारण जापान के लोग विश्व में सबसे स्वस्थ्य व लम्बा जीवन जीते है | वो गाय भैस के गोबर व मूत्र से अमृत तुल्य फल फसल व सब्जिया  उगाते है | (organic ) जैविक खाद जो  गाय व भैस के गोबर से प्रक्रिया प्रोसेस द्वारा बनती है | भारत विश्व का सबसे बड़ा पशुपालक देश है फिर भी इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता , विदेशो में ऑर्गनिक खेती को बढ़ावा दिया जाता है , किसानो को सब्सिडी व प्रोत्साहन दिया जाता है | 


बाज़ार में ऑर्गनिक से उत्पाद जैसे चना , मूंग , मूंगफली , चावल ,दाल ,शहद , गुड ,गेहू आदि सामान्य उत्पाद की तुलना में डेढ़ गुना दाम पर मिलता है , कारण इनमे रोग प्रतिरोधक क्षमता व उच्च गुणवत्ता पोषक  व किसी प्रकार शरीर को नुकसान नहीं पहुँचता है | organic (जैविक खाद ) बाज़ार में 70 रूपये किलो तक बिकते है | अमेज़न जो विश्व की सबसे बड़ी e कॉमर्स कंपनी है , जो उच्च गुणवत्ता के  नाम पर इसे 170 रूपये किलो तक बेचती है | जिसे बागवानी  करने वाले घर पर सब्जी फल उगाने वाले बड़े प्रेम से खरीदते है | 

यहाँ बताना चाहुगा भारत भैस के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक है , व गाय के मांस का पांचवा (5 th ) सबसे बड़ा निर्यातक है | यदि हमारी सरकार गाय भैस के गोबर को ३ रूपये किलो भी  ले (ख़रीदे ) तो गो हत्या व भैस हत्या में कमी आ सकती है | परन्तु अफ़सोस शहरो में अधिकतर गोबर को नालियों में बहा दिया जाता है | व विदेशी हमें पिछड़ा या विकाशसील देश  कहकर खुश होते है | 

भारत विश्व में सबसे ज्यादा हिन्दू मंदिरो वाला देश है, यहाँ प्रतिदिन टनो फूल, पत्तिया, माला  आदि देव देवी को अर्पित किया जाता है , जिसे या तो कूड़े में फेक दिया जाता है या गंगा में बहा दिया जाता है , जो नदी को प्रदूषित ही करेगा | इससे फूल पत्ती व छिलको आदि से कम्पोस्ट उर्वरक बनती है , या बनाई  जा सकती है | जो बाज़ार में 50 रूपये किलो व  सबसे बड़ी e कॉमर्स कंपनी  अमेज़न पर 150 रूपये किलो तक बिकती है |



 
जागरूकता व शिक्षा के अभाव में देश गरीब (पिछड़ा ) या विकाशसील नहीं रहेगा तो और क्या रहेगा ? मृदा परीक्षण  में बहुत जरुरी हो तो हम जैविक खाद को 50 % रासायनिक खाद में मिलाकर फसलों को दे सकते है | 


लेखक;-खेती से......... रविकान्त यादव 

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Monday 18 September 2023

कल्कि अवतार (god kalki incarnation)


सुर्यवंशी , चन्द्रवंशी आज भी होते है , जो अपने सिद्धांतो  पर जीते है | 
अवतार धर्मात्मा लोगो की वजह से ही होते है , यदि धर्मात्मा नहीं होंगे तो अवतार भी नहीं होंगे | 
ईश्वर पर किसी का कॉपीराइट नहीं होता वो सभी के होते है | 
हिन्दू जिसे अवतार कहते है , वही मुस्लिम रसूल कहते है , ईश्वर किसी से ऊंच -नीच ,जात -पात का भेद भाव नहीं करते  वो सबके होते है | 
श्रीराम जहा अछूत कहे जाने वाली शबरी के हाथ से बेर खाते है , वही कृष्ण दासी पुत्र विदुर के यहाँ केले के छिलके भी खा लेते है | मान्यता है ,कलयुग के अंतिम समय में कल्कि भगवान अवतार लेगे , जब पृथ्वी पर अग्नि ,वायु , जल ,मिट्टी , व धुप अपने मूल स्वभाव में नहीं रहेगी ,ये अपनी कृपा बरसाना बंद कर देंगे | 
मनुष्य जाति अपने स्वार्थ में सारी हदे पार कर जायेगा , चारो तरफ अधर्म ,अत्याचार , अन्याय का बोल बाला होगा , ऐसे समय में आदमी से देवता भी डरने लगेगे तब गंगाजली ब्राह्मण व ब्राह्मणत्व का पूर्ण व पवित्र पालन करने वाले भगवान कल्कि अवतार लेंगे , जो धर्मात्मा अच्छे लोगो के दुःख से द्रवित होकर शिव की तपस्या करेंगे व दिव्यास्त्र प्राप्त करेंगे , जो लगभग नरक बन चुकी पृथ्वी की रक्षा करेंगे व धर्मात्मा लोगो को पृथ्वी की तरह दुसरे ग्रह पर ले जायेगे जहा सतयुग चल रहा होगा | 


 
लेखक ;-कलियुग से....... रविकान्त यादव 
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