इंद्र के 100 साल ब्रम्हा (ब्रम्हलोक ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है |
ब्रम्हा के 100 साल विष्णु (वैकुण्ठ लोक ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है |
जब विष्णु के सौ साल होते है ,तो शिव के एक पलक झपकने के बराबर होता है |
व शिव के सौ साल देवी के एक पलक झपकना के बराबर होता है |
३)अमरावती नगरी ;- स्वर्ग की राजधानी अमरावती नगरी है , जो भव्य ,मंत्र मुग्ध , मोहक है | इसका द्वारपाल इंद्र का वाहन ऐरावत है , अमरावती से आशय अमर लोगो का शहर है , जो देवताओ से आशय है | इसका निर्माण विश्वकर्मा ने किया था |
४) वैतरणी नदी ;- गरुण पुराण अनुसार यम के द्वार पर यह नदी बहती है , अच्छे -बुरे दोनों को इस नदी को पार करना पड़ता है | जिसका पानी रक्त का होता है , जो बहुत ही गर्म बदबूदार होता है , इसका रक्त का जल पापीयो को देखकर खौलने लगता है , इस नदी में पस , हड्डिया ,लहू ,बाल भरा रहता है व खतरनाक कीड़े मकोड़े व जीव रहते है | पुण्य आत्माओ को यमदूत सहारा देकर इसे पार करा देते है |
5 )यमलोक (नर्क);-यमलोक या नरक के स्वामी यमराज है , जो अच्छी बुरी आत्माओ का हिसाब करके उनको स्वर्ग या नर्क का अधिकारी नियुक्त करते है , व पापी आत्माओ को तरह -तरह से दंडित करते है , प्रमुख भयानक 36 प्रकार की नर्क की सजाए है |
6 ) पितृलोक ;-यहाँ व्यक्ति (पिता)1 साल से लेकर 100 साल तक रहता है | जब तक उसका पुनर्जन्म न हो जाये | यमराज पितृलोक का प्रधान होता है |
7 ) गोलोक ;- यह भगवान कृष्ण की नगरी है , यही भगवान श्री कृष्ण अपने लोगो के साथ रहते है |
लेखक;-पृथ्वीलोक से ___रविकान्त यादव
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