Friday 7 July 2017

नियति और नीति (fate and justice of god )

एक सपेरा था , दिन में सापो का खेल दिखा कर थोड़ा बहुत पैसे कमा लेता , धीरे धीरे पैसे की भूख बढ़ी , | 
अब वह खेल कम दिखाता और चोरी के स्थानों को चिन्हित ज्यादा करता व तमाम ठिकानो को चोरी के लिए खोजता रहता तथा दिन को साधारण सपेरा रहता ,रात को शातिर चोर बन जाता | 
इस तरह वह तमाम घरो में चोरी करता वह चोरी में  तमाम आभूषण सोना चांदी आदि चोरी करता तथा उसे जंगल में एक पुरानी  इमली के कोटर में छिपा देता इस तरह वह तमाम धन रत्न उस इमली के कोटर में जमा करता रहता , एक दिन उसने सोचा अब तो काफी धन हो गया है , चलो कुछ निकाल कर खर्च व्यय कर मजे लू वह उस जंगली इमली के पास गया , जैसे ही उसने इमली के कोटर में अपना चोरी का धन निकालने  के लिए हाथ डाला इस बात से अनभिज्ञ भीतर एक खतरनाक जहरीला सांप  बैठा पड़ा है , जैसे ही उस सपेरे ने हाथ डाला
 उस खतरनाक जहरीले सांप ने उसे डस लिया इस तरह वह सारे जिंदगी भर का सपेरा वही मारा गया || 
अतः कह सकते है हमारे बुरे कर्मो का निर्णय तो देर सवेर होकर ही रहेगा , लोकलुभावन सपनो को सोचने से अच्छा है , अपने श्रम , ज्ञान और सच्चाई पर विश्वास करना || 

लेखक;- खेल देखते ____रविकान्त यादव 
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Tuesday 4 July 2017

अमरनाथ रहस्य ( a divine feeling ) HAPPY SAWAN


१) कैलाश मानसरोवर के बाद बाबा अमरनाथ ( शिव ) की दुर्गम  यात्रा होती या मानी जाती है , जो जम्मू कश्मीर में पड़ता है , यही पर शिव ने माता पार्वती  को  अमर होने की कथा सुनाई थी , जिसे दो कबूतरों के जोड़ो ने भी सुन लिया , किस्मत वालो को ही वो जोड़े आज भी दिख जाते है | अमरनाथ की यात्रा गर्मियों में होती है | 

२) यहाँ भुरभुरी बर्फ मिलती है ,परन्तु प्राकृतिक शिवलिंग ठोस बर्फ का होता है | 

३) यह कथा एकांत में ही सुनाने के लिए शिव ने अपने शरीर पर धारण जैसे चन्द्रमा , नाग, पिस्सु , नंदी बैल, व पांचो तत्व , आदि का जगह जगह त्याग किया , जो उनके त्यागने क्रम अनुसार इन्ही से उस स्थान का नाम पड़ा , जैसे अनंतनाग , चन्दन बाड़ी  आदि | 



४) शिवलिंग की आज लम्बाई 10 फ़ीट होती है , जो सफ़ेद चमकता है, जो चन्द्रमा के घटने बढ़ने के साथ इसकी उचाई  घटती बढती रहती है | 

लेखक;-पर्यटक ____रविकांत यादव for more click me ;- http://justiceleague-justice.blogspot.in/
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कैलाश मानसरोवर पर्वत रहस्य (mysteries of kailash mansarovar mountain and pilgrim )

आज यह पर्वत (तिब्बत ) चीन में पड़ता है , मानसरोवर से आशय मन का सरोवर होता है ,हिन्दुओ के साथ साथ यह पर्वत जैनीवो , सिक्खो व तिब्बतियों बौद्धों का भी पवित्र स्थान है , यही पर्वत शिव का निवास स्थान  माना  जाता है , जिसकी ऊंचाई  21778 फुट है | 

बड़े बड़े महात्मा मुनि ने जैसे रावण आदि ने यहाँ तप किया था , वैसे तो यह स्थान अत्यंत दुर्गम है , परन्तु धरती पर अत्यंत खूबसूरत भी है , मानो दूसरे दुनिया में आ गए हो , बिना ऑक्सीजन यहाँ टिकना संभव नहीं है | 
दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट एवेरेस्ट पर विजय प्राप्त किया जा चूका है , परन्तु कैलाश पर्वत पर अभी तक कोई नहीं चढ़ सका  है , पर्वतारोहियों को अजीब अनुभव व दिशा भ्रम होने लगता है | यही पर कैलाश पर्वत से ४० km दो झील है एक राक्षस ताल व दूसरा मानसरोवर ,मानसरोवर जिसे क्षीर सागर भी कहते है यही भगवान  विष्णु रहते है , वही माउंट मेरु पर्वत पर जो हिमालय क्षेत्र के गढ़वाल उत्तराखंड  में पड़ता है , ब्रह्मा व इंद्र रहते है | राक्षस ताल का पानी खारा  तो दूसरे मानसरोवर का जल दुनिया में सबसे शुद्ध व मीठा है | 
इसी झील से एशिया की प्रमुख नदिया ब्रम्हपुत्र , सिंधु , सतलज , करनाली आदि निकलती है |



सर्दियों में यहाँ बर्फ से पुरे पर्वत पर ओउम का चिन्ह बनता है , गर्मियों में मृदंग की आवाज़ आती है , जिसे शिव के डमरू या बर्फ पिघलने की आवाज़ मन जाता है , इस पर्वत पर धुप पड़ने पर स्वर्ण की तरह चमक हो जाती है | 

कैलाश पर्वत को पृथ्वी का मध्यभाग केंद्र बिंदु कहा गया है ,| 
यह पर्वत स्थान रेडियोएक्टिव माना जाता  है ,| 
यहाँ से ओउम की प्रतिध्वनि भी आती है , इस पर्वत की संरचना विराट शिवलिंग जैसी है | 
लोगो का कहना है।, यहाँ अद्भुत रूप से लोगो की उम्र , बाल, नाखून, आदि तेजी से बढ़ने लगता है , यहाँ देवी सती का दाहिना हाथ गिरा था अतः यह शक्तिपीठ भी है | 
इस पर्वत की चारो दिशाओ से देखने पर अलग अलग जानवरो की छवि जैसे पूर्व में अश्व  , पक्षिम में हाथी  , उत्तर में शेर , व दक्षिण में मोर का मुख बना दिखाई देता है | 
माना जाता है , इसी पर्वत पर शिव विराजमान है | 
लेखक;-पर्यटक _____रविकान्त यादव for more click me ;- http://justiceleague-justice.blogspot.in/
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