Wednesday 30 May 2018

चार धाम (four pilgrimage)

 चारधाम जो चार दिशाओ में स्थित है | 
१) बद्रीनाथ धाम 
२) द्वारका धाम 
३) जगनाथपुरी धाम
४) रामेश्वरम धाम 

चारधाम की यात्रा का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है , माना जाता है ,इन चार धामों की यात्रा से श्रद्धालु के समस्त पाप नष्ट हो जाते है , व आत्मा को जीवन मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिल जाती है | 



१) बद्रीनाथ तीर्थस्थल ;- यह तीर्थ भगवान विष्णु को समर्पित है , यह स्थान अलखनंदा नदी के तट पर उत्तराखंड राज्य में स्थित है | जिसे बद्री नारायण मंदिर भी कहते है , यह २००० सालो से भी अधिक समय से प्रसिद्द तीर्थ स्थान है , जब भगवान विष्णु यही तपस्या कर रहे थे , तो उनकी हिम वर्षा से रक्षा हेतु लक्ष्मी जी ने बद्री अर्थात बेर का वृक्ष बन कर उनके ऊपर छाया कर सभी हिम अपने ऊपर ले लिया था , अतः यह स्थान बेर के पेंड के नाम से बद्रीनाथ से प्रसिद्द हुआ , यहाँ विष्णु जी व लक्ष्मी जी की साथ में पूजा होती है | 






२)द्वारका ;- यह तीर्थस्थल राज्य गुजरात में देवभूमि द्वारका जिले में स्थित एक नगर है ,तथा तीर्थ स्थल है , यह स्थल पक्षिमी समुद्र किनारे बसी है | 
जिसे भगवन कृष्ण ने बनाया था , इस नगरी के कई द्वार होने की वजह से इसका नाम द्वारका पड़ा | जरासंध के आक्रमण से तंग आकर कृष्ण ने मथुरा छोड़ कर अपने प्रजा सहित द्वारका आकर इस नगरी को बसाया था | 







३) जगन्नाथ पूरी धाम ;- यह भगवान् कृष्ण को समर्पित मंदिर है , जो भारत के उड़ीसा राज्य के पूरी शहर में स्थित है | जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत का स्वामी होता है | 
इस स्थान पर माता यसोदा व देवकी ने कृष्ण बाल लीला को उनके रानियों को सुनाया  था , यहाँ कृष्ण , बलराम ,व सुभद्रा के अधूरी लकड़ी के विग्रह को मंदिर में स्थापित किया गया है , जिसकी पूजा होती है | 
जिसे विश्वकर्मा जी ने अधूरा ही बना कर छोड़ दिया था | क्यों की उनकी शर्त थी जिस कमरे में वो विग्रह बनायेगे उसमे कोई आएगा नहीं , कई दिन उस कमरे से आवाज़ नहीं आयी तो राजा ने वह कमरा खोल दिया शर्त अनुसार विश्वकर्मा अधूरे विग्रह ही छोड़ कर चले गए बाद में ईश्वर की यही मर्जी मानकर अधूरे सुभद्रा , बलराम, व कृष्ण की  मूर्ति की पूजा की जाने लगी | 








४) रामेश्वरम धाम ;- यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है , लंका विजय  हेतु श्रीराम ने यहाँ शिव  पूजा की थी |  यहाँ स्थित शिवलिंग बारह  ज्योतिर्लिंगों में एक है , तथा एक अन्य कथा  अनुसार रावण को  मारने के बाद  ब्रम्हहत्या के पाप से बचने के लिए भगवन श्रीराम ने यहाँ शिव लिंग स्थापित किया था | 
रामेश्वरम को दक्षिण भारत का काशी माना जाता है | 


लेखक;-धार्मिक ___रविकान्त यादव for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.com/
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Tuesday 29 May 2018

हिमेश रेशमिया के गाने (top song rock the music DJ)


इन गानो को आप google से सर्च कर या फिर mp3mad.com से बोल अनुसार या सीधे youtube से सभी को डाउनलोड कर सुन सकते है | 



1) मन तड़प जाए जिया धड़क जाये 

2 )आशिक बनाया, आशिक बनाया आपने (remix )

३) दिल की सुर्ख दीवारों पे नाम है , तेरा तेरा (remix )

४) समझो ना कुछ तो समझो  ना 




5) आवन अँखिया जावन अखिया इश्क़ में तेरे ( duet )

६) मोहतरमा अस्सलाम वालेकुम (remix )

७) तेरा तेरा तेरा सुरूर ( remix )

8) मै जहा रहु , तेरी याद साथ है (duet )




9) आप से मौसकी (remix )

10) ये विरानिया 

11) तुझे याद करके कोला लाका वेलारी 

12) मेरे लम्हो की आरज़ू 




13) आफरीन तेरा चेहरा (remix )

14) तेरे बिन चैन न आवे 

15) देखु तुझे तो प्यार आवे 

१६) दिल तुम्हारे बिना 



17) तड़प तड़प तड़प हो तुम 

18) वादा तैनू याद रखया 

19)  जब से तुमको देखा दर्द ऐ दिल लिया रे 

२०) जुम्मेरात रात , रात है , आज़ा 


लेखक;-selected by ___रविकान्त यादव for more click me ;- http://justiceleague-justice.blogspot.com/ and https://www.facebook.com/ravikantyadava 





Thursday 24 May 2018

प्रदोष व्रत कथा (fasting days)


प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित व्रत है | 
प्रदोष व्रत हर माह शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष के तेरहवे दिन पड़ता है | 
महीने में दो व साल में 24 व्रत पड़ते है , जो तेरस या त्रयोदशी को पड़ता है | 
ब्रह्मा पुत्र दक्ष प्रजापति के 27  नक्षत्र कन्याओं का विवाह चन्द्रमा से हुआ , जिससे चन्द्रमा  केवल रोहिणी से प्रेम करता था , जिसे अन्य पत्नियों ने दक्ष प्रजापति से कहा , दक्ष ने चन्द्रमा को कई बार समझाया पर चन्द्रमा ने नहीं समझा ,जिससे क्रोधित होकर दक्ष ने चन्द्रमा को क्षय होने का शाप दे दिया | 
चन्द्रमा अपनी आभा खोने लगा जिससे चारो तरफ हाहाकार मच गया , तब ब्रह्मा ने चन्द्रमा को शिव तपस्या करने को कहा , तब चण्द्रमा गुजरात के सौराष्ट्र की जगह वर्तमान में सोमनाथ मंदिर (सोमेश्वर महादेव ) जो बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रथम है |  सोम चन्द्रमा को भी कहते है , इसी से इस ज्योतिर्लिंग तप स्थल का नाम पड़ा | 
इस स्थान पर शिव चन्द्रमा के तप से प्रसन्न होते है |





व प्रदोष के समय प्रदोष से आशय शाम का समय ,क्षीण हो चुके चन्द्रमा को इसी समय शिव अपने माथे पर धारण करते है | 
व उसे दोष मुक्त करते है , जिससे शिव को चंद्रमौली और चंद्रशेखर भी कहा जाने लगा , शिव चन्द्रमा को धीरे धीरे आभावान पुनः स्वस्थ्य होने का वरदान देते है | अतः इस दिन प्रदोष व्रत के समय शाम को सूर्य डूबने से ३ घण्टे पूर्व का समय को शिव का पुनः पुजा का विधान है | 



प्रदोष व्रत यदि रविवार को पड़ता है , तो इसे करने से ;- सुख शांति व सदा निरोग रहेंगे | 
यदि यह व्रत सोमवार को पड़ता है तो ;- इच्छा फलित होगी | 
यदि मंगलवार को पड़ता है तो ;- रोगमुक्त सदा स्वस्थ्य रहेगे | 
यदि बुधवार को पड़ता है तो ;- ज्ञान हेतु , व कामना सिद्ध होगी | 
यदि वृहस्पतिवार को पड़ता है तो ;- शत्रु नाश होगा | 
यदि शुक्रवार को पड़ता है , तो ;-सौभाग्य में वृद्धि होगी , सफलता | 
यदि शनिवार को पड़ता है तो ;- जीवन में सफलता मिलेगी | 


लेखक;- शिवभक्त ______रविकान्त यादव  for more click me ;- http://justiceleague-justice.blogspot.in/ and https://www.facebook.com/ravikantyadava



















Monday 21 May 2018

आकाशीय बातें (cosmic fact)



१) आसमान या अंतरिक्ष से 60 टन धूल प्रतिदिन पुरे धरती पर गिरती है | 

2) आसमान से 80 लाख बार बिजली प्रतिदिन धरती पर गिरती है | 



३) आसमान से प्रतिदिन 10 ग्राम से लेकर ज्यादा तक 230 उल्कापिंड प्रतिदिन धरती पर गिरते है , जो धरती के वातावरण में आते ही जलकर नष्ट होने लगते है | 






4) पृथ्वी को लेकर कुल आठ ग्रह  है , जो सुर्य के गुरुत्व से उसका चक्कर लगा रहे है | जिन्हे सौरमंडल कहा जाता है | 


5) union of concerned scientists के अनुसार मानव निर्मित 2017 तक कुल 4635 उपग्रह है ,जो पृथ्वी के कक्षा में स्थापित है | इनमे 1738 सक्रिय है , तथा 2897  ख़राब कबाड़ पड़े तेज़ी से घूम रहे है | 


6 )अंतरिक्ष में पृथ्वी 107000 km/hr या  30km per second की गति से सुर्य की परिक्रमा कर रही है , जिसे पूरा करने में 365.256 दिन यानि एक साल लगते है | 


7) पृथ्वी अंतरिक्ष में अपनी धुरी पर 24 घंटे में पूरा घूमती है इसकी रफ़्तार 1600km/per hour (प्रति घंटे ) है | जिससे जिधर सुर्य होता है ,उधर दिन तथा जिधर सुर्य नहीं होता उधर रात होती है चाँद तारे दिन में भी मौजूद रहते है ,परन्तु सुर्य के प्रकाश से वह दिखाई नहीं देते , चाँद पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है , चाँद हमें उतना ही दिखता है जितने भाग पर सुर्य का प्रकाश पड़ता है | 


8)सुर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित एक तारा है , जो पृथ्वी से 149.6 million km दूर है | अर्थात 149600000 किलोमीटर दूर है | यह पृथ्वी से 109 गुना बड़ा है , तथा इसका प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट में पहुँचता है | 


9)सुर्य हमारे आकाश गंगा (galaxy ) का 200km प्रति सेकंड व 720000 km/hr (प्रति घंटे ) की रफ़्तार से हमारे आकाश गंगा ( galaxy ) का चक्कर लगा रहा है | 


10) सुर्य का तापमान 15 million  डिग्री सेल्सियस है | यानि केंद्र में 150 लाख डिग्री सेल्सियस है | जिसमे हाइड्रोजन के अणु आपस में मिलकर हीलियम का निर्माण करते है | यह प्रक्रिया नुक्लिअर फ्यूज़न (nuclear fusion ) कहलाती है | और हमें सुर्य से ऊर्जा स्वरुप प्रकाश और ऊष्मा प्राप्त होती है | 



11 ) केवल हमारे पुरे आकाश गंगा (galaxy ) में 200 billion से ज्यादा तारे है , अर्थात 200X100 =20000 करोड़ तारे है | 







१२) केवल हमारे आकाश गंगा ( galaxy ) में ही 100 billion  ग्रह  से ज्यादा, अर्थात 100X100 =10000 करोड़ ग्रह है, जिनमे अनेको पर एलियन है , या हो सकते है | या इन सभी पर जीवन की सम्भावना बताई गयी है | 












लेखक;-आकाश देखते _____रविकान्त यादव  for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.in/  and  https://www.facebook.com/ravikantyadava