सुर्यवंशी , चन्द्रवंशी आज भी होते है , जो अपने सिद्धांतो पर जीते है |
अवतार धर्मात्मा लोगो की वजह से ही होते है , यदि धर्मात्मा नहीं होंगे तो अवतार भी नहीं होंगे |
ईश्वर पर किसी का कॉपीराइट नहीं होता वो सभी के होते है |
हिन्दू जिसे अवतार कहते है , वही मुस्लिम रसूल कहते है , ईश्वर किसी से ऊंच -नीच ,जात -पात का भेद भाव नहीं करते वो सबके होते है |
श्रीराम जहा अछूत कहे जाने वाली शबरी के हाथ से बेर खाते है , वही कृष्ण दासी पुत्र विदुर के यहाँ केले के छिलके भी खा लेते है | मान्यता है ,कलयुग के अंतिम समय में कल्कि भगवान अवतार लेगे , जब पृथ्वी पर अग्नि ,वायु , जल ,मिट्टी , व धुप अपने मूल स्वभाव में नहीं रहेगी ,ये अपनी कृपा बरसाना बंद कर देंगे |
मनुष्य जाति अपने स्वार्थ में सारी हदे पार कर जायेगा , चारो तरफ अधर्म ,अत्याचार , अन्याय का बोल बाला होगा , ऐसे समय में आदमी से देवता भी डरने लगेगे तब गंगाजली ब्राह्मण व ब्राह्मणत्व का पूर्ण व पवित्र पालन करने वाले भगवान कल्कि अवतार लेंगे , जो धर्मात्मा अच्छे लोगो के दुःख से द्रवित होकर शिव की तपस्या करेंगे व दिव्यास्त्र प्राप्त करेंगे , जो लगभग नरक बन चुकी पृथ्वी की रक्षा करेंगे व धर्मात्मा लोगो को पृथ्वी की तरह दुसरे ग्रह पर ले जायेगे जहा सतयुग चल रहा होगा |
लेखक ;-कलियुग से....... रविकान्त यादव
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