Sunday 19 February 2023

परलोक (the next world)

१) पृथ्वी पर समय तेज़ी से चलता है , पृथ्वी के १०० साल इंद्र के (स्वर्ग ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

इंद्र के 100 साल ब्रम्हा (ब्रम्हलोक ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

ब्रम्हा के 100 साल विष्णु (वैकुण्ठ लोक ) के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

जब विष्णु के सौ साल होते है ,तो शिव के एक पलक झपकने के बराबर होता है | 

व शिव के सौ साल देवी के एक पलक झपकना  के बराबर होता है | 

२) स्वर्गलोक :- स्वर्गलोक से आशय प्रकाश का घर होता है , उत्तराखंड के सुमेरु पर्वत के ऊपर स्वर्गलोक है , जिसे देवलोक भी कहते है , | जहा पुण्य आत्माये रहती है , यहाँ किसी प्रकार का पाप नहीं रहता ,तथा हर तरह की सुख सुविधा आनंद रहता है | यहाँ कोई दुःख कस्ट नहीं रहता ,यहाँ के राजा इंद्र है व व्यक्ति पुण्य क्षीण होने तक यहाँ रहता है | 

३)अमरावती नगरी ;- स्वर्ग की राजधानी अमरावती नगरी है , जो भव्य ,मंत्र मुग्ध , मोहक है | इसका द्वारपाल इंद्र का वाहन ऐरावत है , अमरावती से आशय अमर लोगो का शहर है , जो देवताओ से आशय है | इसका निर्माण विश्वकर्मा ने किया था | 

४) वैतरणी नदी ;- गरुण पुराण अनुसार यम के द्वार पर यह नदी बहती है , अच्छे -बुरे दोनों को इस नदी को पार करना पड़ता है | जिसका पानी रक्त का होता है , जो बहुत ही गर्म बदबूदार होता है , इसका रक्त का जल पापीयो को देखकर खौलने लगता है , इस नदी में पस , हड्डिया ,लहू ,बाल भरा रहता है व खतरनाक कीड़े मकोड़े व जीव रहते है |  पुण्य आत्माओ को यमदूत सहारा देकर इसे पार करा देते है | 

5 )यमलोक (नर्क);-यमलोक या नरक के स्वामी यमराज है , जो अच्छी बुरी आत्माओ का हिसाब करके  उनको स्वर्ग या नर्क का अधिकारी नियुक्त करते है , व पापी आत्माओ को तरह -तरह से दंडित करते है , प्रमुख भयानक 36 प्रकार की नर्क की सजाए है | 

6 ) पितृलोक ;-यहाँ व्यक्ति (पिता)1 साल से लेकर 100 साल तक रहता है | जब तक उसका पुनर्जन्म न हो जाये | यमराज पितृलोक का प्रधान होता है | 


7 ) गोलोक ;- यह भगवान कृष्ण की नगरी है , यही भगवान श्री कृष्ण अपने लोगो के साथ रहते है | 

लेखक;-पृथ्वीलोक से ___रविकान्त यादव 

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