अभी तक नारी को कोई जीत नहीं सका है ,चाहे वह राम हो या रावण , कंस हो या कृष्ण , महिसासुर हो या महाकाल सभी नारीया सत्ता , सामर्थ्य ,शक्ति की ताक़त से ऊपर ही है | नारी को भोग विलास , शोषण व सेविका समझने वाले महिसासुर की तरह मर्दन करने योग्य ही होते है |
एक महिला पृथ्वी के सामान ९ महीने का भार उठाकर एक पुरुष या महिला को जन्म देती है | पुरुष का तो पता नहीं पर महिला को हम अपराजिता जरूर कहेगे |
ये सती , सावित्री, अनसुइया जैसी साधारण महिलाये ही है, जो ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियों को अधीन कर लेती है | फिर भी हम किसी महिला को सम्मान नहीं दे सकते तो धरती पर उसकी उपस्थिति शर्मनाक है |
लेखक;- सम्मान के साथ ____रविकान्त यादव for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.com/ and https://www.facebook.com/ravikantyadava
No comments:
Post a Comment