Wednesday 21 March 2018

सोच की नींद (be positive)

दो दोस्त बहुत धनी, साथ गाडी से सफर पर्यटन कर रहे थे |  रास्ते में एक जगह उनसे एक धार्मिक सामाजिक कार्य हेतु उनसे धन माँगा गया | 
एक  ने धन दे दिया, उसका देख दूसरे दोस्त ने भी मन मसोस कर धन दे दिया | 


दोनों अपने गंतव्य चले गए , रात में जहा दोनों ठहरे वहा उनके मन में विचार चलने लगा एक को, दान की गयी 
धनराशि काफी बड़ी लगी , उसे लगा उसने बहुत बड़ी बेवकूफी की वे लोग ठग थे | 
कोई किसी का नहीं होता ,पैसा ही प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए , ये सोच सोच कर उसकी नींद उडी हुई थी , वह परेशान था | व उसे अपने ऊपर खिन्नता से नींद नहीं आ रही थी |

वही उसका दूसरा दोस्त यह सोच कर कि उसका धन एक बहुत बड़े कार्य हेतु व्यय होगा , उसका धन कमाना  सार्थक हो गया वह खुश था व चैन की नींद सो रहा था | 

on civil defence duty 
लेखक;- सहायक____रविकान्त यादव  for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.in/
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