Wednesday, 21 March 2018

भरोसा ( a trust )



एक सरोवर था , उसके  तट पर तमाम पक्षी सुबह- शाम कलरव करते , सरोवर में ही उदबिलाव भी रहते थे | इसी क्रम में  एक बकुले की दोस्ती एक ऊदबिलाव से हो गयी , ऊदबिलाव सरोवर से तमाम मछलिया बकुले को खिलाता, बकुले को भी मछलियों के लिए घंटो मेहनत नहीं करनी पड़ती , | 



इसी क्रम में ऊदबिलाव ने बकुले को अन्य जगह अपने अन्य रिश्तेदार  को जो दूसरे तालाब में रहते थे , ऊदबिलाव ने उन्हें बकुले के द्वारा मछलिया पहुचाने को कहा , बकुला ख़ुशी  ख़ुशी राजी हो गया ऊदबिलाव नित दो -चार मछलिया बगुले को देता , बगुले को बिन मांगी मुराद मिल गयी उसने ऊदबिलाव को विश्वास दिलाया की वह मछलिया उसके अन्य रिश्तेदारो तक जरूर पहुचा देगा वह आये दिन ऊदबिलाव से मछलिया लेता और उन्हें ले जाकर अपने घोसले में अपने बच्चो को खिला देता , 




बाद में बची हड्डियों को ऊदबिलाव के रिश्तेदारों को दे आता और कहता ये तुम्हारे फला रिश्तेदार ने भेजा है , इसी क्रम में महीनो बीत गये , जब तक दोनों तरफ के उदबिलावो को एक दूसरे की बातो का पता चली , तब तक बकुला उन दोनों लोगो से दूर जा चुका था | 


on civil defence duty at v.t. temple b.h.u.
लेखक;- भरोसेमंद ____रविकान्त यादव for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.in/
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