मानव मुख्यतः तीन प्रकार के होते है |
१) रजोगुणी ;- ये वो लोग होते है , जो अपने लाभ हेतु क्रिया करना , तथा इच्छा रखना , अत्यधिक भोग विलास रखना , भलाई से सरोकार न रखना , स्वयं का हित प्रधान देखना , इन्हे इनके कर्मो के लेखा जोखा अनुसार उच -नीच मनुष्य जाति में बार -बार जन्म लेकर अनेक दुखो मौत को भोगते रहने का अधिकारी माना गया है |
२) तमोगुणी ;- ये वो होते है , जो कर्महीन अज्ञानी , दुसरो व समाज को हानि पहुचना , मांस मदिरा के भोगी , स्वार्थ सिद्धि हेतु हत्या , चोरी, झूठ, ईर्ष्या , आदि का सहारा लेना , गलत कार्यो में लिप्त रहना , इन्हे नर्क का अधिकारी माना जाता है |
३) सतोगुणी ;- ये वो लोग होते है, जो ज्ञान युक्त पवित्र होते है , शाकाहारी , निस्वार्थ सेवी , परोपकारी , दुसरो को दुःख न देना , दया , अच्छे कार्यो में लिप्त , अभिमान न करना , अतः इन्हे मोक्ष या स्वर्ग का अधिकारी माना जाता है |
No comments:
Post a Comment