विश्व का 86.7 % तेल खाड़ी देशो (gulf) (अरब देशो) से ही मिलता है , । कुवैत , बहरीन , इराक , ओमान, क़तर , सऊदी अरब, और यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE ) इन्हें opec कहते है , (organisation of petrolium exporting country )
ओपेक में ५ देश पहले आये जो 1960 में इराक बगदाद में बना ५ देश इराक , ईरान, कुवैत, सऊदी अरब, व वेनेजुवेला प्रथम आये , बाद में १३ देश अन्य आये इसका हेड क्वार्टर वियेना आस्ट्रिया में है ,। कुल मिलकर १३ देश वर्तमान में है ।
मोटर साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक इसी से चलता है , पेट्रोल की मांग की वजह से ही इन देशो की मुद्रा डॉलर, पाउंड , यूरो , इन तीन प्रमुख मुद्राओ से भी ऊपर है , ।
रियाल , दीनार, आदि इन देशो की मुद्रा है ।
परंतु पेट्रोल का भुगतान ये खाड़ी देश अमेरिकी डॉलर में ही स्वीकारते है ।
इसका कारण अमेरिका की विश्व में पैठ व अग्रिम तकनीक और नीतिया है । इसलिए अमेरिकी डॉलर अर्थव्यस्था को ऊँचा करने के मकसद से हर देश द्वारा हाथो हाथ लिया जाता है ।
अमेरिका में पेट्रोल ५० डॉलर प्रति बैरल एक बैरल में 190.923 लीटर होता है ।(यानि 192 लीटर के करीब )
4.49 डॉलर में 3.785 लीटर या एक गैलन (चार लीटर के करीब) पेट्रोल मिलता है ।
वही इंग्लैंड में 1.40 पाउंड में एक लीटर पेट्रोल मिलता है ।
वही इंग्लैंड में एक गैलन 4.5 (साढ़े चार लीटर होता है )
२०१६ मे अबतक १)सऊदी अरब २)रूस ३)अमेरिका ४)इराक (opec ) ५) चीन ६) ईरान (opec ) ७)कनाडा
८) यूएई(opec ) ९)कुवैत (opec ) १०)ब्राज़ील ११) वेनेजुवेला (opec)
सहित ये 11 विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश है ।
भारत विश्व में 22वा सबसे बड़ा पेट्रोल तेल उत्पादक देश है ।
अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है , या तेल का खपत करता है या मंगाता है । व ओपेक ग्रुप के भारत अपने मित्र देश ईरान , कुवैत, व सऊदी अरब से भारत तेल लेता है ।
अब निर्णय आप ही ले सकते है , कि यहाँ तेल सस्ता है या महंगा ॥

लेखक;- पेट्रोल पम्प से___ रविकान्त यादव for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.in/ and https://www.facebook.com/ravikantyadava
ओपेक में ५ देश पहले आये जो 1960 में इराक बगदाद में बना ५ देश इराक , ईरान, कुवैत, सऊदी अरब, व वेनेजुवेला प्रथम आये , बाद में १३ देश अन्य आये इसका हेड क्वार्टर वियेना आस्ट्रिया में है ,। कुल मिलकर १३ देश वर्तमान में है ।
मोटर साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक इसी से चलता है , पेट्रोल की मांग की वजह से ही इन देशो की मुद्रा डॉलर, पाउंड , यूरो , इन तीन प्रमुख मुद्राओ से भी ऊपर है , ।
रियाल , दीनार, आदि इन देशो की मुद्रा है ।
परंतु पेट्रोल का भुगतान ये खाड़ी देश अमेरिकी डॉलर में ही स्वीकारते है ।
इसका कारण अमेरिका की विश्व में पैठ व अग्रिम तकनीक और नीतिया है । इसलिए अमेरिकी डॉलर अर्थव्यस्था को ऊँचा करने के मकसद से हर देश द्वारा हाथो हाथ लिया जाता है ।
अमेरिका में पेट्रोल ५० डॉलर प्रति बैरल एक बैरल में 190.923 लीटर होता है ।(यानि 192 लीटर के करीब )
4.49 डॉलर में 3.785 लीटर या एक गैलन (चार लीटर के करीब) पेट्रोल मिलता है ।
वही इंग्लैंड में 1.40 पाउंड में एक लीटर पेट्रोल मिलता है ।
वही इंग्लैंड में एक गैलन 4.5 (साढ़े चार लीटर होता है )
२०१६ मे अबतक १)सऊदी अरब २)रूस ३)अमेरिका ४)इराक (opec ) ५) चीन ६) ईरान (opec ) ७)कनाडा
८) यूएई(opec ) ९)कुवैत (opec ) १०)ब्राज़ील ११) वेनेजुवेला (opec)
सहित ये 11 विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश है ।
भारत विश्व में 22वा सबसे बड़ा पेट्रोल तेल उत्पादक देश है ।
अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है , या तेल का खपत करता है या मंगाता है । व ओपेक ग्रुप के भारत अपने मित्र देश ईरान , कुवैत, व सऊदी अरब से भारत तेल लेता है ।

अब निर्णय आप ही ले सकते है , कि यहाँ तेल सस्ता है या महंगा ॥

लेखक;- पेट्रोल पम्प से___ रविकान्त यादव for more click me ;-http://justiceleague-justice.blogspot.in/ and https://www.facebook.com/ravikantyadava
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