Saturday 14 January 2017

दिव्यास्त्र (speciality of divine weapon )

1) ब्रह्मास्त्र ;-यह ब्रह्मा द्वारा बनाया गया था , इसमे पूरी धरती ख़त्म करने की क्षमता थी , इसे केवल दूसरा ब्रह्मास्त्र ही रोक सकता था , उस पर भी दोनों के टकराहट पर इसकी अग्नि ऊष्मा से जीव जंतु ख़त्म हो सकते थे , ब्रह्मास्त्र रामायण में श्री राम के पास था ,








बाद में ब्रह्मा ने ब्रह्मास्त्र से भी ४ गुना ताक़तवर ब्रम्हशीर  दिव्यास्त्र का निर्माण किया जो पुरे ब्रह्माण्ड को ख़त्म कर सकता था । 
ये महाभारत में केवल अर्जुन और अश्वस्थामा के पास था । 
वर्तमान में परमाणुबम को ब्रह्मास्त्र कह सकते है , व ब्रम्हसिर को  हाइड्रोजन बम  कह सकते है । 
महाभारत में ये ;- परशुराम , भीष्म , द्रोण , कारण,अर्जुन, अश्वस्थामा के पास था , जो क्रमश : देव परशुराम से होते हुए सबको मिला , परशुराम- भीष्म , द्रोण , कर्ण के गुरु भी थे । 


२)पाशुपास्त्र ;-यह भगवान शिव द्वारा निर्मित है , जो सम्पूर्ण सृस्टि का नाश कर सकता है , इसे ब्रह्मास्त्र द्वारा रोका जा सकता है , परंतु यह भगवान्  विष्णु के कोई अस्त्र को नहीं रोक सकता जैसे नारायणास्त्र  । 
पाशुपास्त्र महाभारत में केवल अर्जुन के पास था । 

)नारायणास्त्र ;- यह भगवान विष्णु का अस्त्र है , यह पाशुपास्त्र की तरह ही प्रलयंकारी है । इसकी कोई काट नहीं है , केवल इसकी प्रार्थना कर ही इसे रोका जा सकता है ।
महाभारत में ये केवल अश्वस्थामा के पास था व उसने इसका एकमात्र प्रयोग किया । 


४)वज्र शक्ति ;-इंद्रा द्वारा कवच कुंडल लेने के बाद विवश होकर इंद्र ने इस दिव्यास्त्र को महारथी दानी कर्ण  को देना पड़ा था , महाभारत में ये केवल दानी कर्ण के पास था , जिससे काल को भी मारा जा सकता था । 


५) सुदर्शन चक्र ;-इसके बारे में कहानी है ,कि भगवान सूर्य के ताप चमक को लेकर देवशिल्पी विश्वकर्मा ने शिव के लिए त्रिशूल व चक्र का निर्माण किया था । 
एक  कथा के अनुसार सुदर्शन चक्र शिव ने बनाया था , 
व भगवान् विष्णु ने शिव की तपस्या कर चक्र प्राप्त किया था । 

भगवन कृष्ण को यह कैसे मिला इसकी कई कहानी है , उम्र के युवावस्था में कही उन्हें परशुराम जी द्वारा दिया बताया गया है , तो कही देवी जी के द्वरा तो  कही अग्नि देव के कहने पर वरुण देव ने उन्हें सुदर्शन चक्र और अर्जुन को गांडीव धनुष और अक्षय तुरीण  प्रदान किया, सुदर्शन चक्र सभी दिव्यास्त्रों  को रोकने भेदने में सक्षम था , यह केवल भगवान श्री कृष्ण के पास था । 


लेखक;- महाभारत कथा से ......... रविकान्त यादव for more click me ;- http://justiceleague-justice.blogspot.in and https://www.facebook.com/ravikantyadava






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