Wednesday 15 February 2017

धार्मिक महत्व ( religious importance )


1)मंदिर ;- हिन्दू धर्म का पवित्र स्थान , जिसका शाब्दिक अर्थ मन का दर या द्वार होता है , देवी देव की प्रतिक चिन्ह या प्रतिमा स्थापित होती है , इसके गुम्बज़ उचे होने का वैज्ञानिक आधार प्रतिध्वनि द्वारा प्रार्थना आप तक मिले  भला हो , हिन्दू धर्म में मंदिर का वैज्ञानिक महत्त्व होता है , चाहे मुख्य कपाट  पूर्व दिशा की तरफ खुले , या शिवलिंग मुख उत्तर दिशा की तरफ हो , हिन्दू धर्म सबसे प्राचीन धर्म है ।




२)मस्जिद ;- यह स्थान मुस्लिम  बन्धुवो का पवित्र स्थान होता है , । इनका सिद्धांत है , ईश्वर एक है , अतः कोई   प्रतिमा नहीं होती  , प्रार्थना करना ही मुख्य मकसद होता है , यहाँ भी प्रतिध्वनि गूँजती है । 


३)गुरुद्वारा ;- यह शिख  धर्म का  पवित्र स्थान है , किसी भी धर्म , जाति , व्यक्ति की सेवा पर ये लोग अति ध्यान देते है , यहाँ गुरुग्रंथ साहिब रखी  रहती है , साथ में अन्य गुरुओ के चित्र लगे रहते है , व ह्रदय को छु लेने वाला भजन चलता रहता है , यहाँ भी प्रतिध्वनि गूंजती है । 


 ४) चर्च ;- यह ईसाइयो का पवित्र स्थान होता है , प्रभु यशु सलीब पर रखे दीखते है , उनके सम्मान में शांति रख मोमबत्ती जला प्रार्थना करते है । 





५) बौद्ध पगोडा ;- बौद्ध धर्म का पवित्र स्थान , गौतम सिद्धार्थ की एकमात्र प्रतिमा होती है , जिन्हें एशिया का प्रकाश भी कहते है , एक शिक्षक थे , बौद्ध धर्म हिन्दू धर्म की तरह मंदिर होता है 
। जिसे मठ या पैगोडा भी कहते है , जहा बिना बाल के सन्यासी रहते है । 


६)जैन डेरासर ;- जैन धर्म का पवित्र स्थान एक तरह का मंदिर ही है , जिसे डेरासर कहते है , यहाँ मात्र भगवन अरिहंत की प्रतिमा होती है , ये भगवान् पर नहीं पूर्ण मानव होने पर विश्वास व कर्म करते है , इनके पहले भगवान  या पूर्ण महापुरुष अरिहंत व २४ वे व आखिरी भगवान महावीर (जिन्हें वर्धमान भी कहते है ) यहाँ भी आवाज़ की धार्मिक शब्दो की प्रतिध्वनि होती है । 


७) शंख ;- हिन्दू धर्म में अधिकतर देवो के हाथ में विशेषतर  विष्णु के हाथ में  शंख दर्शाया गया है । 
इसकी आवाज़ मात्र से पवित्रता फ़ैल जाती है , इसे घर में रखना अति शुभ माना जाता है , इसमें जल रख कर देव अर्पण पर देव अति प्रसन्न होते है , शिवाय शिव के क्यों की शिव जी ने शंख चुड का वध किया था । 
साधारण जल भी इसमें रखने पर गंगाजल तुल्य हो जाता है , इसकी आवाज़ को सृस्टि के निर्माण में बनी आवाज़ ॐ से जोड़ा जाता है । 


 ८)श्याम कर्ण घोडा ;- अति उत्तम ऐसे घोड़े का शरीर सफ़ेद और कान काले होते है , प्राचीन समय में इसे राज्य व श्रीराम अश्वमेघ यज्ञ में छोड़ा गया था अति दुर्लभ वर्तमान समय में शायद ही मिले । 


९) तुलसी ;-हिन्दू धर्म में इसका विशेष स्थान है , भगवान् विष्णु से जुडी व प्रिय आहार अर्पण , इसके पत्ते बहुत गुणकारी होते है , व रोग नाशक होते है , । 
यह २४ घंटे ऑक्सीजन प्रदान करती है , इसे घर में लगाने पर सुख शांति रहती है । नकारात्मक ऊर्जा व हानिकारक गैसों जैसे कार्बोनमोनो डाईऑक्साइड  , कार्बन डाइऑक्साइड , सल्फर डाइऑक्साइड , आदि को सोख लेती है , धार्मिक, पौराणिक,और वैज्ञानिक आधार की वजह से उत्तम पौधा है ॥ 


लेखक;- धार्मिक ______रविकान्त यादव for more click ;- https://www.facebook.com/ravikantyadava
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